गुरुवार , मई 02 2024 | 11:45:30 AM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / पल्लवी पटेल ने राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव के समर्थन से किया इनकार

पल्लवी पटेल ने राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव के समर्थन से किया इनकार

Follow us on:

लखनऊ. लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया और अब सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल भी अखिलेश यादव से नाराज़ बताई जा रही हैं. पल्लवी पटेल ने साफ कर दिया है कि वो राज्यसभा में सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगी. माना जा रहा है कि सपा ने जिन तीन लोगों को प्रत्याशी बनाया है, पल्लवी उन नामों से नाखुश हैं.

दरअसल, सपा ने राज्यसभा के लिए जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया है. पल्लवी पटेल की नाराज़गी जया बच्चन और आलोक रंजन को लेकर है. उन्होंने यूपी तक से बात करते हुए साफ कहा कि अखिलेश यादव पीडीए की लड़ाई को अगर बच्चन या रंजन बनाने की कोशिश करेंगे तो वो उनके साथ नहीं हैं. ये कोई फ़िल्मी लड़ाई नहीं है. ये लड़ाई गांव, गरीब, पिछड़ा और अल्पसंख्यक की हो रही है. अगर उनके हक और अधिकारों के साथ धोखा होगा तो आवाज उठानी ज़रूरी है. मैं इस धोखेबाज़ी में शामिल नहीं हूं.

पीडीए को धोखा देने का आरोप लगाया

पल्लवी पटेल ने कहा, “जहां पर पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों की भागीदारी होनी चाहिए, जब आप उनका वोट लेने की बात कर रहे हैं और ईमानदारी से उनकी भागीदारी नहीं हैं तो इस धोखे में मैं सम्मिलित नहीं हूं. सपा ने पीडीए को फ़ॉलो नहीं किया है. हम इनकी राजनीति करते हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं किसी को जिताने के लिए नहीं हूं. मैं अपनी आवाज़ उनके लिए उठा रही हूं. हम अगर गठबंधन का हिस्सा है तो हमारा भी मत और राय होनी चाहिए. जितने भी लोग ये समझते हैं कि पिछड़ों और दलितों के नाम पर धोखा हो रहा है उन्हें इसका प्रतिकार करना चाहिए.

 

स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर ये कहा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी पार्टी महासचिव पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. इस पर पल्लवी पटेल ने कहा कि “वो लगातार मेरे संपर्क में हैं, पार्टी के कई नेताओं ने उन पर कटाक्ष किए हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य का जो क़द है, उस क़द के नेता के लिए ये बहुत बेइज़्ज़ती वाली बात है. जिस तरह से उन पर हमले हुए हैं. सपा बहुत अहम और वहम में है उनको पिछड़ों को मजबूर करके उनके हक़ों को छीनना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो ईमान की राजनीति करती रहेंगी चाहे उनकी सदस्यता चली जाए.

आपको बता दें कि पल्लवी पटेल पिछड़ों के बड़े नेता रहे सोनेलाल पटेल की बेटी हैं और अपना दल एस की नेता व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन हैं. दोनों बहनों में वर्चस्व की लड़ाई है. कहा जा रहा है कि पल्लवी पटेल अपनी माँ कृष्णा पटेल को राज्यसभा भेजना चाहती थी. यही वजह है कि वो अखिलेश यादव के फ़ैसले से नाराज़ हैं.

साभार : पीएनबी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

सपा प्रमुख अखिलेश यादव कल दोपहर कन्नौज से करेंगे लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन

लखनऊ. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. गुरुवार को दोपहर 12 बजे …