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थप्पड़ कांड वाला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा फरार होने के बाद फिर आया सामने

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जयपुर. राजस्थान में उपचुनाव के बीच देवली उनियारा विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के ‘थप्पड़ कांड‘ की गूंज ने जमकर बवाल किया। बीती देर रात निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थकों के उपद्रव पर टोंक पुलिस को हवाई फायरिंग और लाठी चार्ज करना पड़ा। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए देर रात प्रत्याशी नरेश मीणा को हिरासत में लेकर वाहनों की तरफ पैदल ही रवाना हो रही थी। इस समय समर्थकों की आपाधापी के बीच नरेश मीणा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए। हालांकि गुरुवार सुबह समर्थकों के साथ मीणा अपनी रणनीति के तहत वापस लौट आए।

नरेश मीणा फिर समरावता गांव पहुंचे, बोले ‘मैं भाग नहीं हूं’

बीती देर रात नरेश मीणा पुलिस की पकड़ से दूर हो गए थे। इस दौरान 14 नवंबर की अलसुबह 2:40 पर उनका सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट आई है। इसमें उन्होंने कहा ‘मैं ठीक हूं… ना डरे थे ना डरेंगे, आगे की रणनीति बता दी जायेगी!।’ इधर गुरुवार सुबह एक बार फिर नरेश मीणा समरावता गांव में आकर अपने समर्थकों के साथ डट गए हैं। जहां नरेश मीणा मीडिया के बीच अपना पक्ष रख रहे हैं। इसके अलावा नरेश मीणा सोशल मीडिया पर लाइव भी चल रहे हैं। उन्होंने मीडिया में आकर कहा है कि ‘मैं भाग नहीं हूं’। इससे पहले रातभर पुलिस में हड़कंप मचा रहा। पुलिस ने नरेश मीणा को ढूंढ़ने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोई पता नहीं चला। इधर, पुलिस ने उपद्रवियों पर लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान कुछ कच्चे मकान में आग लगने की घटना भी सामने आई है।

समर्थकों ने नरेश मीणा को पुलिस से छुड़ाया

समरावता गांव में नरेश मीणा और एसडीएम के बीच थप्पड़ कांड के बाद गांव में तनाव फैल गया। इस दौरान बुधवार शाम नरेश मीणा के समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। पुलिस ईवीएम मशीन को लेकर रवाना कर रही थी, तभी वहां भीड़ जमा हो गई। इस पर पुलिस भीड़ को हटाने का प्रयास करने लगी, तभी नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। पथराव में टोंक एसपी की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हुई। इधर, भीड़ अनियंत्रित को देखकर अतिरिक्त पुलिस बुलाई गई। वहीं जब पुलिस नरेश मीणा को पकड़कर वाहनों की तरफ पैदल ही रवाना हो रही थी। इस बीच समर्थकों की आपाधापी में नरेश मीणा ने मौका पाकर पुलिस को चकमा दिया और फरार हो गए। रात के अंधेरे में पुलिस ने नरेश को काफी ढूंढ़ने का प्रयास किया, लेकिन कोई पता नहीं चला। इधर, देर रात एरिया में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

देर रात हुए बवाल से सहमे समरावता गांव के ग्रामीण

पुलिस और नरेश मीणा के समर्थकों के बीच हुए संघर्ष के बाद ग्रामीण भी भयभीत हैं। इस संघर्ष में कुछ कच्चे घरों में भी आग लगने की सूचना सामने आई है। पुलिस ने उपद्रव मचा रहे दो दर्जन के आसपास लोगों को हिरासत में ले लिया है। इस दौरान समर्थकों ने पुलिस के कई वाहनों और ग्रामीणों की बाइकों में आग लगा दी। जिसकी लपटे दूर-दूर तक दिखाई दी। इधर भीड़ के अनियंत्रित होने से पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए। इस दौरान धौलपुर एसटीएफ समेत आसपास के कई सुरक्षा बलों को मौके पर बुला लिया है। वहीं गुरुवार सुबह पुलिस बल और कंपनियां गांव में फ्लैग मार्च कर स्थिति का जायजा ले रही है। इधर, ग्रामीण अपने घरों में दुुबक रहे। इधर, नरेश मीणा का 14 नवंबर को सुबह 2:46 पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया इसमें उन्होंने लिखा कि ‘मैं ठीक हूं….ना डरे थे, ना डरेंगे…आगे की रणनीति बता दी जाएगी!

एसडीएम थप्पड कांड की नरेश ने यह बताई वजह

प्रत्याशी नरेश मीणा ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1 बजे मतदान केंद्र पर ड्यूटी दे रही समरावता की आशा सहयोगिनी चित्रा मीणा ने बाहर धरने पर आकर लोगों से कहा कि उसे और दो अन्य लोकल कर्मचारियों को सेक्टर अधिकारी ने नौकरी से हटाने की धमकी देकर जबरन वोट डलवा दिया। यह सुनते ही निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा बूथ पर चले गए और सेक्टर अधिकारी से बहस करने लगे। नरेश मीणा का कहना है कि मैं बूथ पर पहुंचा और जबरन वोट डलवाने का पूछा, तो वहां मौजूद कर्मचारी मुझसे बदतमीजी करने लगा, जिसके बाद मैंने थप्पड़ मार दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्मिक बीजेपी का एजेंट बनकर काम करेगा तो ऐसा ही हश्र होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस सेक्टर मजिस्ट्रेट के जबरन वोट दिलाने का मामला दर्ज करे और सस्पेंड करे।

बवाल बढ़ने के बाद भी कलेक्टर नहीं पहुंची मौके पर

एसडीएम थप्पड़ कांड से लेकर देर रात हुए बवाल के बीच टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा की कार्य प्रणाली को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए। दरअसल, इस विवाद की शुरुआत समरावता गांव के ग्रामीणों ने अपने गांव को देवली उपखंड से हटाकर वापस उनियारा में किए जाने की मांग से की। इसको लेकर ग्रामीणों ने बुधवार सुबह वोटिंग का बहिष्कार कर दिया और मांग की, जिला कलेक्टर मौके पर आकर उन्हें आश्वासन दे। इस बीच ही नरेश मीणा और एसडीएम के बीच मारपीट की घटना हो गई, लेकिन इसके बाद भी टोंक जिला कलेक्टर सौम्या झा मौके पर नहीं पहुंची। इस दौरान केवल टोंक एसपी ने ही मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। चर्चा है कि यदि टोंक कलेक्टर समय रहते मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास करती, तो शायद यह बड़ा बवाल नहीं होता।

साभार : नवभारत टाइम्स

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