नई दिल्ली. दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ओखला से आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को आप विधायक को रिहा करने का आदेश जारी किया है। राउज ऐवन्यू कोर्ट ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने से फिलहाल इनकार कर दिया। कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये के बॉन्ड पर रिहा करने का निर्देश दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि मामले में मरियम सिद्दीकी के खिलाफ भी कोई सबूत नहीं है। इससे पहले 29 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले अमानतुल्लाह खान के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दायर किया था। ईडी द्वारा दायर 110 पेज के पूरक आरोपपत्र में मरियम सिद्दीकी का भी नाम शामिल था। हालांकि, इस मामले में मरियम सिद्दीकी को आरोपित के रूप में गिरफ्तार नहीं किया था।
2 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि खान को ईडी ने दो सितंबर को उनके ओखला स्थित आवास पर लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में थे। अमानतुल्लाह ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती है और यह मामला हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ क्या है पूरा मामला?
सीबीआई व दिल्ली पलिस की तीन शिकायतों से जुड़ा है। ईडी ने मामले में दाखिल आरोप पत्र में पांच लोगों को आरोपित बनाया है और इसमें अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी को शामिल किया। ईडी ने कहा था कि यह तलाशी कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे से जुड़ा है। इस दौरान अमानतुल्लाह वक्फ बोर्ड अध्यक्ष थे। ईडी ने आरोप लगाया कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए आपराधिक आय अर्जित की और अचल संपत्ति खरीदने के लिए सहयोगियों के नाम पर पैसे का निवेश किया।
साभार : दैनिक जागरण
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