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टिकट न मिलने से नाराज राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने छोड़ी भाजपा

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भोपाल. मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने शुक्रवार को भाजपा छोड़ दी। वे 2018 से सांसद हैं और 2 अप्रैल को कार्यकाल खत्म हो रहा है, इससे 15 दिन पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अपना इस्तीफा भेज दिया। सांसद अजय प्रताप ने शनिवार सुबह मीडिया से कहा कि BJP की कथनी और करनी में अंतर है। मेरी अभी किसी भी पार्टी में जाने की और चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। अजय प्रताप सीधी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। पार्टी ने यहां से डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दे दिया। कांग्रेस ने यहां कमलेश्वर पटेल को उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा की रीति पाठक सीधी से सांसद चुनी गई थीं।

राजनीति मेरे लिए सेवा का माध्यम थी

मीडिया से बातचीत में अजय प्रताप ने कहा कि राजनीति सही मायने में हमारे लिए सेवा का माध्यम थी, धनार्जन का नहीं। आज कुछ परिस्थितियां ऐसी निर्मित हो गई हैं कि मैं अपने आप को भारतीय जनता पार्टी के अनुकूल नहीं मान पा रहा हूं, इसलिए मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।

पार्टी की कैंडिडेट चयन प्रक्रिया पर आपत्ति

सांसद ने कहा कि वर्तमान में लोकसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा की है। मेरा किसी प्रत्याशी से विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी की जो कार्यप्रणाली है, पार्टी की जो चयनप्रणाली है, उसमें मेरी आपत्ति हैं। उसमें मेरी असहमति हैं। मेरा स्वभाव थोड़ा सा विद्रोही है। मैं इस परिस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। मेरी असहमति और आपत्ति त्यागपत्र के रूप में परिलक्षित हो रही हैं।

पार्टी के बाहर आकर उठाऊंगा आवाज

अजय प्रताप ने कहा कि मेरा पार्टी की कार्यप्रणाली से विश्वास उठ गया है। लंबे समय से जिन विषयों को में सदन और आपके माध्यम से उठाता रहा हूं, उसकी उपेक्षा हुई है। भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए मुझे लगा कि पार्टी के अंदर रहकर उन विषयों को नही उठा पाऊंगा। पार्टी के बाहर आकर उनको आवाज दूंगा। यह सभी बातें बहुत लंबे समय से चल रही हैं। अगर मैंने इस्तीफा दिया है तो समझिए कि ये इसकी चरम सीमा है।

साभार : दैनिक भास्कर

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