ढाका. बांग्लादेश की अदालत ने गुरुवार (17 अक्टूबर) निर्वासित पूर्व नेता शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. शेख हसीना अगस्त में सत्ता से हटाए जाने के बाद भारत भागकर आ गई थीं. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, “अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गिरफ्तारी और उन्हें 18 नवंबर को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है.”
इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार ट्रिब्यूनल की कार्यवाही सुबह 11:30 बजे के बाद शुरू किया. पहले दिन अभियोजन टीम ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 50 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की. अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना समेत 14-पार्टी गठबंधन के अन्य नेताओं, कानून प्रवर्तन के पूर्व अधिकारी और देश के पत्रकारों के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में जबरन गायब करने, हत्या से जुड़े 60 से अधिक मामले दर्ज हैं.
एडवोकेट ताजुल इस्लाम का हालिया बयान
बीते 13 अक्टूबर को मुख्य अभियोजक एडवोकेट ताजुल इस्लाम ने बताया था कि जिन लोगों ने जुलाई में देश हुए दंगे और बबाल में भाग लिया था, उनके खिलाफ इस हफ्ते के भीतर ही गिरफ्तारी वारंट और ट्रैवल करने पर बैन लगा दिया जाएगा. इसके लिए उन सभी के खिलाफ इंटरपोल की मदद ली जाएगी, जो देश छोड़कर भाग चुके हैं.
शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द
मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने मीडिया से कहा कि हसीना के 15 साल के शासन में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हुआ. उन्होंने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेज दिया. वहीं जुलाई से अगस्त तक देश में हुए नरसंहार हत्या जैसे अपराधों के पीछे शेख हसीना का हाथ था. 77 वर्षीय हसीना को बांग्लादेश से भागने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया हैं. वहीं भारत में उनकी मौजूदगी से बांग्लादेश नाराज है. इस वजह से उन्होंने हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है.
साभार : एबीपी न्यूज़
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