लखनऊ. लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के सपा नेता आजम खान (Azam Khan) को 7 साल की सजा सुना दी है. प्रदेश की रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर में जबरन घर तोड़े जाने के मामले में पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) को आज सजा का ऐलान किया है. कोर्ट ने बाकी दोषियों को 5 साल की सजा सुनाई थी. ये सभी आरोपी IPC धारा 427, 504, 506, 447 और 120 B के तहत दोषी करार दिए गए थे. इस मामले में आज़म खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन दोषी पाए गए है. आज चोरों को सज़ा हुई है. इस दौरान आज़म खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीतापुर जेल से पेशी हुई. आजम खान के ऊपर 5 लाख का जुर्माना और बाकी 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है.
ये तीन आरोपी हुए बरी
बीते शनिवार को सीतापुर जेल सजा काट आजम को रामपुर कोर्ट में पेश किया गया था. जहां एमपी/एमएलए सेशन कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार ने आजम, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ड डिप्टी एसपी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली को आईपीसी की धारा-452, 504, 506 और 120बी के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट द्वारा तीन आरोपियों ओमेंद्र सिंह चौहान, जिबरान नासिर, फरमान नासिर को सबूतों के बरी कर दिया था.
मामला जबरन घर खाली
गौरतलब है कि सपा शासनकाल में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे. इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे. आरोप था कि सरकारी जमीन पर बताकर वर्ष 2016 में तोड़ दिया गया था. इस मामले में पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था. वर्ष 2019 में भाजपा सरकार आने पर रामपुर के गंज थाने में इस मामले में करीब एक दर्जन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए थे. आरोप लगाया कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था. वहा पहले से बने मकानों पर बुलडोजर भी चलवाकर ध्वस्त कर दिया गया था. बता दें कि आजम, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्लाह तीनों ही सजायाफ्ता हैं और जेल में बंद हैं। 18 अक्टूबर 2023 को तीनों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सात-सात साल की सजा सुनाई गई.
साभार : जी न्यूज
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