रायपुर. बीजापुर में आईईडी ब्लास्ट हुआ है। इसमें दो जवान बलिदान हो गए हैं। जबकि चार जवान घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। खराब मौसम के कारण परेशानी आ रही है। जानकारी के अनुसार, जिले के तर्रेम थाना इलाके के मंडिमरका के जंगल में सर्चिंग से लौट रहे जवानों के ऊपर नक्सलियों ने घात लगाकर पाइप बम के माध्यम से आईईडी ब्लास्ट किया, इस घटना में जहां दो जवान शहीद हो गए, वहीं चार घायल हो गए हैं।
सीआरपीएफ, कोबरा, सीएएफ, डीआरजी और एसटीएफ के जवान एंटी नक्सल ऑपरेशन पर निकले हुए थे, बुधवार को जवान वापस लौट रहे थे कि नक्सलियों द्वारा लगाए गए पाइप बम को बीती रात तर्रेम थाना इलाके के मंडिमरका के जंगलों में ब्लास्ट कर दिया। घटना में एसटीएफ के प्रधान आरक्षक भरत लाल साहू और आरक्षक सतेर सिंह का बलिदान हो गया। जबकि पुरषोत्तम नाग, कोमल यादव, सियाराम सोरी और संजय कुमार घायल हो गए, घायलों को बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल बीजापुर लाया गया है, यहां उनका इलाज चल रहा है।
घायलों की स्थिति को देखते हुए उन्हें रायपुर ले जाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है, फिलहाल घटना के बाद से इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। घटना पर अभी तक किसी बड़े अधिकारी का बयान नहीं आया है। घायलों को लेने के लिए हेलीकॉप्टर भी नहीं जा सका, जिसके कारण घायलों के साथ ही बलिदान जवानों के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस की मदद से जगदलपुर लाया गया। जहां जवानों के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया। वहीं, घायलों को सीधा एयरपोर्ट ले जाया गया, जहां से घायलों को रायपुर रेफर किया गया। इस घटना में बलिदान हुए एक जवान नारायणपुर जिले के बम्हनी का निवासी है तो वहीं दूसरा रायपुर के मोआ का निवासी है। सूचना मिलते ही बलिदान हुए दोनों जवानों के घरों में मातम छा गया, इसके अलावा नारायणपुर निवासी परिवार जगदलपुर आ पहुंचे।
बताया जा रहा है कि CRPF, कोबरा, CAF, DRG, और STF के जवान के करीब 500 से अधिक जवान निकले हुए थे, जहां वापस लौटने के दौरान नक्सलियों ने यह कायराना हरकत की। इस घटना में STF के प्रधान आरक्षक भरत लाल साहू रायपुर के मोआ निवासी है। जबकि आरक्षक सतेर सिंह नारायणपुर के बहमनी निवासी की मौके पर ही बलिदान हो गए। जबकि अन्य जवानों में पुरषोत्तम नाग, कोमल यादव, सियाराम सोरी और संजय कुमार घायल हो गए हैं। घायलों को बेहतर उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल बीजापुर लाया गया है, जहां उनका इलाज किया गया। वहीं, घायलों की स्थिति को देखते हुए उन्हें रायपुर ले जाने से पहले उन्हें एंबुलेंस की मदद से जगदलपुर लाया गया। नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देने के लिए तारों को तत्काल जोड़कर इस घटना को अंजाम दिया। नक्सलियों ने इसके लिए संयुक्त टीम के 5वें नंबर को टारगेट बनाया और घटना को अंजाम दिया।
बीजापुर से आये जवानों ने बताया कि 16 जुलाई को टीम सीआरपीएफ, कोबरा, सीएफ और डीआरजी टीम के करीब पांच सौ से अधिक जवान सर्चिंग पर गए हुए थे, जहां टीम को बताया गया था कि नक्सलियों की एक बड़ी टीम जंगल में मौजूद है। जिसके चलते टीम गई हुई थीष। टीम 17 जुलाई को वापस अपने कैम्प आने के लिए निकली। घटनास्थल से कुछ मीटर पहले काफी संख्या में पेड़ कटे हुए पड़े हुए थे। जवान उसे पार करते हुए आगे बढ़े, जहां कैम्प से 5 किमी पहले नक्सलियों ने दो तारों को तत्काल जोड़कर 4 नंबर तक की टीम को आगे जाने का मौका दिया। जैसे ही 5वें नंबर की टीम पहुंची नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया।
साभार : अमर उजाला
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