कोलकाता. पश्चिम बंगाल का संदेशखाली मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यहां महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। अब कुछ महिलाओं ने मीडिया से कहा- यहां रहना खतरनाक है। राज्य की मुख्यमंत्री महिला हैं, उन्हें हमारी आवाज उठानी चाहिए, लेकिन वे हमलावरों की आवाज उठा रही हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा सोमवार 19 फरवरी को संदेशखाली पहुंचीं। उन्होंने कहा- पिछले हफ्ते ही NCW के दो लोग इस इलाके का दौरा करने आए थे। उन्होंने बंगाल सरकार और कानून व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियों की लापरवाही को लेकर एक रिपोर्ट दाखिल की थी। हम विक्टिम महिलाओं से मिलना चाहते हैं। रेखा ने ये भी कहा कि हम पश्चिम बंगाल के गवर्नर से मुलाकात करेंगे और कल दिल्ली में राष्ट्रपति से मिलेंगे। अगर राज्य में रेप या महिलाओं से उत्पीड़न का एक भी मामला हुआ है तो ये शर्मनाक है। राज्य सरकार, प्रशासन को केंद्रीय एजेंसियों की मदद करने की अनुमति नहीं दे रही है।
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि NCW का दौरा राजनीति से प्रेरित है। NCW बंगाल तो बहुत जल्दी आ जाता है, लेकिन भाजपा शासित राज्यों में जाने में कभी ऐसी फुर्ती नहीं दिखाता। संदेशखाली की एक महिला ने कहा- ममता बनर्जी के बारे में क्या कहूं। उन्होंने हमारे बारे में न तो कोई पूछताछ नहीं की और न ही मिलने आईं। वे भी महिला हैं और हम भी। इन हालात में अगर वे यहां नहीं आईं तो आप स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।
वहीं, संदेशखाली की एक अन्य महिला ने बताया- यहां रहना काफी खतरनाक होता जा रहा है। उत्तम सरदार और शिबू हाजरा तो गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई सजा नहीं मिली है। इन दोनों के साथ शाहजहां शेख के साथ सजा मिलनी चाहिए। हम सम्मान के साथ रहना चाहते हैं। हमारी मुख्यमंत्री एक महिला हैं, लेकिन वे भी हमारा दर्द नहीं समझ रहीं। उन्हें यहां आकर हमसे बात करनी चाहिए। उन्हें हमारी तरफ से आवाज उठानी चाहिए, लेकिन वे उनकी आवाज उठा रही हैं, जिन्होंने हमला किया।
संदेशखाली मामले में ममता बनर्जी सरकार को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी के नोटिस पर रोक लगा दी। कमेटी ने भाजपा सांसदों के साथ दुर्व्यवहार पर यह नोटिस जारी किया था। कमेटी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, DGP राजीव कुमार, उत्तर 24 परगना के DC शरद कुमार द्विवेदी, बशीरहाट के SP हुसैन मेहदी रहमान और ASP पार्थ घोष को समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था। पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी को बंगाल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले की पैरवी की। उन्होंने कोर्ट से फौरन सुनवाई की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सिब्बल ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकतीं।
कमेटी ने ये नोटिस भाजपा सांसद और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की शिकायत पर जारी किया था। पिछले हफ्ते जब भाजपा कार्यकर्ता संदेशखाली जा रहे थे तो पुलिस ने रोका। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। इस झड़प में मजूमदार को को भी चोट आई थी। सोमवार को सुकांत मजूमदार ने कहा कि आरोपी TMC नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आने वाले दिनों में हम कम से कम 72 घंटे का विरोध प्रदर्शन करेंगे। हो सकता है ये विरोध प्रदर्शन हम 22 फरवरी को करें।
संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहां पर महिलाओं के साथ बदसलूकी का आरोप
संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेता शाहजहां शेख पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख जिसे चाहे उसे अपनी हवस का शिकार बनाता था। शाहजहां राशन घोटाले मामले में ED की रेड के बाद से फरार है। शेख पर ED की टीम पर हमले का भी आरोप है। जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न मामले में कुल तीन मुख्य आरोपी हैं। इनमें से दो आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान TMC नेता शिबप्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार के रूप में हुई है। मामले में अब तक कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- ममता बनर्जी TMC के गुंडों को संरक्षण दे रही हैं। TMC के लोग कम उम्र की हिंदू लड़कियों को रात में उठा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले में धारा 144 लगाने के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 फरवरी को खुद से एक्शन लिया है। जस्टिस अपूर्बा सिन्हा रॉय ने कहा- संदेशखाली में जो भी हो रहा वह विचलित करने वाला है। मीडिया में दिखाया गया कि महिला के साथ गन पॉइंट पर यौन उत्पीड़न हुआ। यह दुखद है। कोर्ट ने 20 फरवरी तक सरकार से जवाब मांगा है।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं