शिमला. कांग्रेस ने भले ही राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा दिया हो लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री समारोह में शरीक होने रामनगरी अयोध्या पहुंच गए. हिमाचल प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लिया. वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं. रविवार को विक्रमादित्य चंडीगढ़ से लखनऊ पहुंचे. विक्रमादित्य सिंह को उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया था. हिमाचल प्रदेश में भी प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया गया है.
पिता रहे सीएम, मां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
8 जनवरी को विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि यह जिंदगी में एक बार आने वाला अवसर है. यह अवसर एक ऐतिहासिक दिन का हिस्सा है और हिंदुओं की देव समाज में श्रद्धा है. 10 जनवरी को कांग्रेस ने कहा कि उसके आला नेता समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि इस समारोह के लिए बीजेपी राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है. इसके बाद विक्रमादित्य सिंह ने यू-टर्न लेते हुए कहा था कि वह 22 जनवरी को अयोध्या नहीं जाएंगे.
एक बयान में उन्होंने कहा था, ‘पार्टी आलाकमान ने साफ कर दिया है कि कोई भी जब चाहे मंदिर जा सकता है क्योंकि धर्म और आस्था का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. हम जरूर मंदिर जाएंगे. मैं यह नहीं कह रहा कि 22 जनवरी को जाऊंगा लेकिन जब भी मन करेगा तो अयोध्या जाऊंगा.’ गौरतलब है कि विक्रमादित्य सिंह का जन्म साल 1989 में हुआ था. वह शिमला ग्रामीण सीट से विधायक हैं. उनकी मां प्रतिभा पाटिल मंडी से सांसद हैं और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष भी.
विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट किया है. वह साल 2013 से 2017 तक हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव 2017 में जीता था. इसके बाद 2023 के चुनावों में भी उनको जीत मिली थी.
कैसा है राम मंदिर?
ट्रस्ट के अनुसार, 70 एकड़ क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्से को हरा-भरा रखा गया है. मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया जा रहा है, जिसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी हर मंजिल 20 फीट ऊंची है. इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं. मुख्य गर्भगृह में भगवान राम के बाल स्वरूप (श्री राम लला की मूर्ति) विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई है और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा.
ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से सिंह द्वार से होगा. परिसर के चारों कोनों पर सूर्य देव, देवी भगवती, भगवान गणेश और शिव को समर्पित चार मंदिर होंगे. ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परतों से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. लन से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है. अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य द्वार पर हाथियों, शेरों, भगवान हनुमान और ‘गरुड़’ की अलंकृत मूर्तियां स्थापित की गई हैं. ये मूर्तियां राजस्थान के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र से प्राप्त बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाई गई हैं.
साभार : जी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं