मुंबई. महाराष्ट्र के सियासी रंगमंच में एक और चेहरे ने एंट्री मार ली है। इस बार अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार चर्चा में हैं। दरअसल, सारी लड़ाई बारामती सीट को लेकर है। कुछ दिनों पहले खबर सामने आई कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अजित पवार अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को यहां से उम्मीदवार बनाने वाले हैं। बारामती में कई जगहों पर सुनेत्रा पवार की तस्वीरें लगाई गई है। चाचा ने भतीजे के इस चाल को नाकाम करने के लिए एक रणनीति बना लगी है।
भतीजे के खिलाफ चाचा ने चल दी ये चाल
शरद पवार ने अजित पवार के भतीजे को ही चुनाव मैदान में उतार दिया है। अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र पवार ने आज सुबह बारामती में एनसीपी शरद चंद्र पवार के शहर कार्यालय का दौरा किया। युगेंद्र ने शरद पवार गुट को मजबूत करने की हुंकार भी भरी और शहर कार्यालय में कार्यकर्ताओं को जमा होने की अपील की। इसका मतलब यह है कि अजित पवार के भतीजे अब शरद पवार गुट में शामिल होने वाले हैं।
युगेंद्र ने क्या कहा?
युगेंद्र ने कहा कि मौजूदा राजनीति अच्छी नहीं है, ये सब देखकर दुख होता है। मुझे ये राजनीति बिल्कुल पसंद नहीं है। आखिर ये मेरा परिवार है, राजनीति अलग बात है। ये सब नहीं होना चाहिए था। सर (शरद पवार) जो उम्मीदवार बताएंगे मैं उसके लिए बारामती में प्रचार करूंगा।उन्होंने आगे कहा,”मुझे इन सब से परेशानी हो रही है. मुझे नहीं लगता कि सुनेत्रा काकी ताई के खिलाफ लड़ेंगी। युगेंद्र पवार ने कहा कि मैं किसी का विरोध करने नहीं बल्कि शरद पवार का समर्थन करने आया हूं।”
महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर ने शरद पवार को दिया था झटका
कुछ दिनों पहले शरद पवार गुट को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर ने झटका दिया था। विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया था कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। अजित पवार के पास पार्टी के 41 विधायक हैं। वहीं, इस फैसले के खिलाफ शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ठकठकाया है।
साभार : दैनिक जागरण
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