नई दिल्ली. समूचा राष्ट्र इस वर्ष 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस साल के समारोह के मुख्य अतिथि हैं। यह गणतंत्र दिवस हमारे लिए कई मायनों में खास होने जा रहा है। इसमें दिखाई जाने वाली झांकियों से लेकर परेड और थीम तक के केंद्र में महिलाएं हैं। आइए जानते हैं कि गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम क्या है? परेड में क्या विशेष होगा? झांकियों में क्या खास रहेगा?
गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम क्या है?
शुक्रवार को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस वर्ष की थीम ‘विकसित भारत और भारत-लोकतंत्र की मातृका’ रखी गई है। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ (पहले राजपथ कहा जाता था) पर ध्वजारोहण करेंगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि देंगे। इस समारोह के मुख्य आकर्षण यानी परेड का समय सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच है। परेड का रुट विजय चौक से नेशनल स्टेडियम के बीच है जो पांच किमी होगा। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली स्थित कर्त्तव्य पथ (पहले राजपथ कहा जाता था) पर होगा।
समारोह में मेहमान कौन हैं?
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। भारतीय वायु सेना के विमानों के साथ एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान और फ्रांसीसी वायुसेना के दो राफेल लड़ाकू जेट भी फ्लाई-पास्ट में हिस्सा लेंगे।
इस साल परेड में शामिल होने के लिए लगभग 13 हजार विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। ये वे लोग हैं जिन्होंने सरकार की करीब 30 अहम योजनाओं का लाभ उठाया है। इसके अलावा पेटेंट हासिल करने वाले विशेषज्ञों, इसरो की महिला वैज्ञानिकों, स्वतंत्रता सेनानियों, किसानों और आदिवासी समुदाय के लोगों को भी निमंत्रण दिया गया है। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने बताया कि कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए 77 हजार सीटों की क्षमता है। इनमें से आम जनता के लिए 42 हजार सीट टिकटों के जरिये बुक की जाती हैं। ज्यादातर टिकट बेची जा चुकी हैं।
परेड में क्या विशेष होगा?
जैसा कि इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है तो परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। रक्षा सचिव अरमाने ने जानकारी दी है कि परेड की शुरुआत सैन्य बैंड के साथ होती आई है लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकार पारंपरिक वाद्यों के साथ परेड की शुरुआत करेंगी। अक्सर सभी कलाकार और समूह सलामी मंच के सामने अपनी प्रस्तुति देते हैं लेकिन इस बार एक और नई पहल की जा रही है जिसमें केवल एक समूह ही सलामी मंच के सामने अपनी प्रस्तुति देगा और बाकी अन्य 11 समूह अलग-अलग अपनी प्रस्तुति देंगे जिससे सभी दर्शक इसका आनंद ले सकेंगे।
परेड की अन्य खासियतों की बात करें तो पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिलाकर्मी शामिल होंगी। इस बार के परेड में महिला फाइटर पायलटों को भी शामिल किया गया है। इस परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस परेड में कैप्टन शरण्या राव थलसेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में अतिथि के तौर पर पीएम मोदी के साथ शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी इस परेड में हिस्सा ले रहीं है। स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। उनके साथ स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव और स्क्वाड्रन लीडर प्रतीति अहलुवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल भी रहेंगी। फ्लाइट लेफ्टिनेंट सृष्टि वर्मा त्रि-सेवा दल के सुपर न्यूमैरेरी अफसर के तौर पर मार्चिंग करेंगी।
इस बार कितनी झाकियां निकलेंगी?
परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और नौ मंत्रालयों की झांकियां दिखाई जाएंगी। ये राज्य उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड और तेलंगाना हैं।इसके अलावा नौ केंद्र सरकार के नौ मंत्रालयों की झांकिया भी कर्तव्य पथ पर चलेगी। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के रंगशाला में इन्हें अंतिम रूप दिया गया है।
किस राज्य की झाकी में क्या होगा विशेष?
इस गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर निकलने वाली परेड काफी हद तक महिला केंद्रित होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए तमाम राज्यों ने अपनी झाकियों को महिलाओं आधारित थीम पर तैयार किया है।
- लद्दाख की झांकी में आइस हॉकी खिलाड़ियों को जगह दी गई है। वहीं महिला कलाकार यहां के पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति देते हुए दिखाई गई हैं। झांकी में कई महिलाएं पेराक पहने दिखाई दे रही हैं जो लद्दाख में परंपरागत रूप से महिलाओं के लिए एक शाही टोपी मानी जाती है।
- हरियाणा की झांकी में राज्य सरकार की ‘मेरा परिवार मेरी पहचान’ योजना को स्थान मिला है। झांकी में हरियाणवी महिलाओं को डिजिटल उपकरण के साथ दिखाया गया है। इससे यह बताने की कोशिश की गई है कि कैसे डिजिटल इंडिया पहल ने महिलाओं को सिर्फ एक क्लिक के जरिए सरकार की योजनाओं तक पहुंच बनाई है।
- राजस्थान की झांकी में यहां की संस्कृति के साथ-साथ महिला हस्तशिल्प उद्योगों के विकास का प्रदर्शन करेगी। झांकी में राजस्थान के प्रसिद्ध घूमर नृत्य की झलकी दिखेगी।
- मध्य प्रदेश की झांकी में महिलाओं की आधुनिक सेवा क्षेत्र से लेकर लघु उद्योग और पारंपरिक क्षेत्रों तक में सक्रिय भागीदारी दिखाई गई है। झांकी में भारतीय वायु सेना में मध्य प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी होंगी।
- मणिपुर की झांकी में महिलाओं को कमल के तने के नाजुक रेशों से काम करते और पारंपरिक चरखे का इस्तेमाल करके धागा बनाते हुए दिखाया जाएगा। झांकी में एक महिला को यहां की प्रसिद्ध लोकटक झील से कमल की डंठले इकट्ठा करते हुए दिखाया जाएगा। झांकी में राज्य के पारम्परिक इमा बाजार को जगह मिली है। यह बाजार सदियों पुराना है और इसे पूरी तरह से महिलाएं चलाती हैं।
- ओडिशा की झांकी में हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी दिखाई गई है।
- छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर से आने वाले आदिवासी समुदायों में महिला प्रधानता को प्रदर्शित करेगी।
अनंत सूत्र का प्रदर्शन
संस्कृति मंत्रालय इस वर्ष कर्तव्य पथ पर ‘अनंत सूत्र – द एंडलेस थ्रेड’ का प्रदर्शन करेगा। इसे प्रांगण में बैठे दर्शकों के पीछे प्रदर्शित किया जाएगा। अनंत सूत्र वास्तव में साड़ी परिधान के लिए एक विशेष सम्मान है। इसमें देश के हर कोने से आने वाली लगभग 1,900 साड़ी परिधानों और पर्दों को प्रदर्शित किया जाएगा, जो कर्तव्य पथ के साथ लकड़ी के फ्रेम के साथ ऊंचाई पर लगाए गए हैं। इस प्रदर्शन में क्यूआर कोड भी दर्शाए जा रहे हैं, जिन्हें स्कैन करके लोग उत्पादों में इस्तेमाल की जाने वाली बुनाई और कढ़ाई कला के बारे में विवरण जान सकते हैं।
स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट
देश इस वर्ष अपने गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए रक्षा मंत्रालय समारोह के दौरान एक स्मारक सिक्का और स्मारक टिकट जारी करेगा।
साभार : अमर उजाला
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