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गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते : अभिजीत गंगोपाध्याय

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कोलकाता. बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय की ‘गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते’ वाली कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने उन पर हमला बोला है. पार्टी ने मांग की है कि केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी वापस ले. हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए गंगोपाध्याय उन 19 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिनके नामों की घोषणा बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए रविवार को की थी.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गंगोपाध्याय पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह दयनीय से भी बदतर है कि कलकत्ता कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश का कहना है कि वह गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए हाल ही में त्यागपत्र दे दिया था तथा जिन्हें किसी और का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है.’ रमेश ने कहा, ‘यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन लोगों को उनकी उम्मीदवारी तुरंत वापस ले लेनी चाहिए, जिन्होंने महात्मा की विरासत को हड़पने में कोई कसर नहीं छोड़ी.’ उन्होंने कहा, ‘फादर ऑफ नेशन (राष्ट्रपिता) की रक्षा के लिए ‘फादर ऑफ डो-नेशन’ अब क्या करेंगे.’

दरअसल आजतक बांग्ला के एक कार्यक्रम में गंगोपाध्याय को यह कहते हुए दिखाया गया कि वह ‘(महात्मा) गांधी और (नाथूराम) गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते.’ उनके हवाले से कहा गया, ‘कानूनी पेशे से जुड़े व्यक्ति के रूप में, मुझे कहानी के दूसरे पक्ष को समझने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे उनके (नाथूराम गोडसे) लेखन को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि किस वजह से उन्हें महात्मा गांधी की हत्या करनी पड़ी. तब तक, मैं गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकता.’

गंगोपाध्याय ने हालांकि महात्मा गांधी की हत्या की निंदा की, लेकिन ‘ऐतिहासिक घटनाओं के सभी पहलुओं की जांच करने की जरूरत’ पर जोर दिया.

साभार : न्यूज18

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