रांची. झारखंड में इस साल के आखिर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले उथल-पुथल मची हुई है. एक तरफ जहां सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में फूट पड़ गई और चंपई सोरेन 30 अगस्त को बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक जमाने में बीजेपी के दिग्गज नेता रहे यशवंत सिन्हा के नई राजनीतिक पार्टी गठित करने की संभावना है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बीजेपी के बाद टीएमसी में भी रहे. अब कहा जा रहा है कि हजारीबाग में रविवार शाम समर्थकों के साथ एक बैठक के दौरान नई पार्टी गठित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई. ये भी कहा जा रहा है कि यशवंत सिन्हा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पार्टी का गठन किया जाएगा.
इस बाबत सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले यशवंत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘समाज के विभिन्न वर्गों के साथ परामर्श करने के बाद अटल विचार मंच (एवीएम) गठित करने पर अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा.’’ रविवार की बैठक की अध्यक्षता सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने की जो भाजपा की कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य हैं. वह (सुरेंद्र) भाजपा के पूर्व सांसद जयंत सिन्हा के (सांसद) प्रतिनिधि रह चुके हैं. बैठक में जयंत और उनके पिता यशवंत सिन्हा दोनों के समर्थकों ने हिस्सा लिया.
वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने 1998, 1999 और 2009 में हजारीबाग लोकसभा सीट जीती थी. साल 2004 के चुनाव में वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता से हार गए थे. वर्ष 2014 में, भाजपा ने यशवंत सिन्हा के बड़े बेटे जयंत सिन्हा को हजारीबाग सीट से टिकट दिया था. हालांकि, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया और जायसवाल ने 2.76 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
साभार : जी न्यूज़
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