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लोकतंत्र के ये पर्व, मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 109वें एपिसोड को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र के ये पर्व, मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं। 2024 का ये पहला ‘मन की बात’का कार्यक्रम है। अमृतकाल में एक नयी उमंग है, नयी तरंग है। दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस बहुत धूमधाम से मनाया है। हमारे संविधान की मूल प्रति के तीसरे अध्याय में भारत के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का वर्णन किया गया है और ये बहुत दिलचस्प है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था। मन की बात से जुड़े बड़े अपडेट यहां जानिए।

पीएम मोदी ने कहा, ‘प्रभु राम का शासन, हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी।’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई। इस दौरान देश ने सामूहिकता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी बहुत बड़ा आधार है। उन्होंने कहा, ‘मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता का अभियान चलाया जाए। मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने श्रद्धाभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की साफ़-सफाई की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही,लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में महिला सशक्तिकरण को देखकर हुई, जब कर्त्तव्य पथ पर, केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया तो सभी गर्व से भर उठे। इस बार परेड में मार्च करने वाले 20 दस्तों में से 11 दस्ते महिलाओं के ही थे। हमने देखा कि जो झांकी निकली, उसमें भी सभी महिला कलाकार ही थीं। जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, उसमें भी करीब डेढ़ हज़ार बेटियों ने हिस्सा लिया था। DRDO ने जो झांकी निकाली, उसने भी सभी का ध्यान खींचा। उसमें दिखाया गया कि कैसे नारीशक्ति जल-थल-नभ, साइबर और स्पेस, हर क्षेत्र में देश की सुरक्षा कर रही है। पीएम ने कहा, 21वीं सदी का भारत, ऐसे ही Women Led Development के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। इस बार अर्जुन अवार्ड समारोह में भी जिस एक बात ने लोगों का खूब ध्यान खींचा, वो थी अर्जुन पुरस्कार पाने वाली बेटियां और उनकी life journeys। इस बार 13 वुमेन एथलीट को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इन वुमेन एथलीट ने अनेकों बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया और भारत का परचम लहराया। शारीरिक चुनौतियां, आर्थिक चुनौतियां, इन साहसी और टैलेंटंड खिलाड़ियों के आगे टिक नहीं पाईं।

PM मोदी ने कहा कि बदलते हुए भारत में, हर क्षेत्र में हमारी बेटियां, देश की महिलाएं कमाल करके दिखा रही हैं। एक और क्षेत्र है, जहां, महिलाओं ने, अपना परचम लहराया है, वो है – वुमेन सेल्फ हेल्प समूह। आज वुमेन सेल्फ हेल्प ग्रुपों की देश में संख्या भी बढ़ी है और उनके काम करने के दायरे का भी बहुत विस्तार हुआ है। वो दिन दूर नहीं, जब आपको गांव-गंव में खेतों में, नमो ड्रोन दीदियां, ड्रोन के माध्यम से खेती में मदद करती हुई दिखाई देंगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी ऐसे अनेकों देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने, जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है। इन inspiring लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देश-भर में बहुत उत्सुकता दिखी है।

मोदी ने कहा, अब मैं आपसे भारत की एक ऐसी उपलब्धि साझा कर रहा हूँ जिससे मरीजों का जीवन आसान बनेगा, उनकी परेशानी कुछ कम होगी। मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा से जुड़े डेटा और शब्दावली का वर्गीकरण किया है, इसमें, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मदद की है। दोनों के प्रयासों से आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा में बीमारी और इलाज से जुड़ी शब्दावली की कोडिंग कर दी गयी है। इस coding की मदद से अब सभी डॉक्टर prescription या अपनी पर्ची पर एक जैसी भाषा लिखेंगे।

साभार : नवभारत टाइम्स

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