पेरिस. UAE ने फ्रांस से 80 राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील सस्पेंड कर दी है। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव की फ्रांस में गिरफ्तारी के बाद बुधवार, 28 अगस्त को UAE ने यह फैसला किया। UAE ने 2021 में फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट के साथ 80 फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया था। इनकी डिलीवरी 2027 तक होनी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, अब UAE डुरोव की गिरफ्तारी की वजह से फ्रांस के साथ हर तरह के मिलिट्री और तकनीकी को-ऑपरेशन खत्म करने पर विचार कर रहा है। दरअसल, टेलीग्राम के CEO डुरोव का जन्म रूस में हुआ था। सोशल मीडिया कंपनी टेलीग्राम की स्थापना के बाद डुरोव कई देशों में रहे। उन्होंने 2017 में दुबई में टेलीग्राम का हेडक्वार्टर बनाया। इस दौरान उन्हें UAE की नागरिकता मिल गई। इसके 4 साल बाद 2021 में पावेल डुरोव ने फ्रांसीसी नागरिकता भी हासिल कर ली।
डुरोव को कॉन्सुलर मदद मुहैया कराएगा UAE
UAE के विदेश मंत्रालय ने डुरोव को कॉन्सुलर सहायता दिलाने के लिए भी फ्रांस के अधिकारियों से संपर्क किया है। मंगलवार को कहा था, ‘हम डुरोव के मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। हमारे नागरिकों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा UAE के लिए सबसे जरूरी है।’
रूस बोला- डुरोव की गिरफ्तारी से फ्रांस-रूस के रिश्ते निचले स्तर पर
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 27 अगस्त को कहा था, ‘डुरोव की गिरफ्तारी के बाद रूस और फ्रांस के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं। फ्रांस ने टेलीग्राम के CEO पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं, जिन्हें साबित करने के लिए उतने ही गंभीर सबूतों की भी जरूरत होगी।’ डुरोव पर टेलीग्राम पर बाल यौन शोषण सामग्री के आदान-प्रदान का जरिया, ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है। उन्हें सूचनाएं साझा नहीं करने के आरोप में शनिवार (24 अगस्त) को गिरफ्तार किया गया था। फ्रांस के कानून के मुताबिक, डुरोव को 4 दिन तक हिरासत में रखा जा सकता है। इसके बाद जज डुरोव पर आरोप तय करेंगे या फिर उन्हें रिहा किया जाएगा।
रूस के जुकरबर्ग कहे जाते हैं डुरोव, 22 साल में बनाया सोशल मीडिया ऐप
रूस में जन्मे डुरोव ने अपने भाई के साथ मिलकर 2013 में टेलीग्राम की स्थापना की थी। उन्हें रूस का जुकरबर्ग भी कहा जाता है। रूसी सरकार उनसे रूसी जनता से जुड़ा डेटा मांग रही थी, जिससे परेशान होकर उन्होंने 2014 में देश छोड़ दिया था और सेंट किट्स एंड नेविस की नागरिकता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्होंने UAE और फ्रांस की सिटिजनशिप हासिल की। गिरफ्तारी के पहले तक UAE ही डुरोव का ठिकाना था।
3700 किमी तक हमला कर सकता है राफेल फाइटर जेट
राफेल का निर्माण भी मिराज बनाने वाली फ्रेंच कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल कई घातक हथियार और मिसाइल ले जाने में सक्षम, दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर प्लेन में से एक है। राफेल को अपनी स्पीड, हथियार ले जाने की क्षमता और आक्रमण क्षमता की वजह से जाना जाता है। ये सिंगल और डुअल सीटर दोनों विकल्पों के साथ आता है। राफेल की मारक रेंज 3,700 किलोमीटर है। इसमें तीन तरह की मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियॉर, हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प और हैमर मिसाइल।राफेल स्टार्ट होते ही महज एक सेकेंड में 300 मीटर ऊंचाई पर पहुंच सकता है। यानी एक ही मिनट में राफेल 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाता है। इसका रेट ऑफ क्लाइंब चीन-पाकिस्तान के पास मौजूद आधुनिक फाइटर प्लेन्स से भी बेहतर है। राफेल एक ओमनी रोल फाइटर प्लेन है, जिसे पहाड़ पर बेहद कम जगह में भी उतार सकते हैं और समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर भी उतारा जा सकता है। राफेल की एक और खासियत हवा में उड़ान भरते हुए फ्यूल भरने की है। एक बार फ्यूल भरने पर यह लगातार 10 घंटे उड़ान भर सकता है।
साभार : दैनिक भास्कर
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