मास्को. क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में कुछ बड़ा होने वाला है? बीती रात यूक्रेन की राजधानी कीव पर घातक हमले के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीरी पुतिन ने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जान के खतरे में होने की आशंका जता दी है. यूक्रेन पर भीषण हमले के बीच उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप कुछ करना चाहते हैं तो करें वरना हम कीव में जलजला ला देंगे. उसे रसातल में मिला देंगे. अब रूसी राष्ट्रपति के इन दोनों बयानों के मायने निकाले जा रहे हैं.
समाचार एजेंसी रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कजाकिस्तान के दौरे पर गए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि वह अमेरिकी चुनाव प्रचार को लेकर अचंभित हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असभ्य तरीके अपनाए गए. यहां तक कि उनकी जान लेने की भी कोशिश हुई. वो भी एक नहीं दो-दो बार. मेरा मानना है कि ट्रंप की जिंदगी सुरक्षित नहीं है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी इतिहास में कई घटनाएं घटी हैं लेकिन मेरा मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप समझदार हैं और मुझे लगता है कि वह खतरों के प्रति सचेत हो गए हैं.
अमेरिका में ट्रंप निशाने पर
खुद बेहद कड़ी सुरक्षा घेरे में रहने वाले पुतिन ने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव में जिस तरह से ट्रंप के परिवार और बच्चों को घसीटा गया, उसको देखकर वह और ज्यादा अचंभित हो गए. राजनीतिक विरोधियों ने ट्रंप के बच्चों और परिवार की खूब आलोचना की. अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ जंग को और भड़काने संबंधी सवाल पर पुतिन ने कहा कि यह एक चाल हो सकती है. ट्रंप को एक मौका मिलेगा कि वह कुर्सी संभालते के साथ ये आदेश वापस ले लें या फिर वह रूस के साथ अपनी जिंदगी को और जटिल बना लेंगे.
उधर, गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर बेहद घातक हमला किया. इससे बिजली सप्लाई ठप्प हो गई. करीब 10 लाख की आबादी अंधेरे में रहने को विवश है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि रूसी सेना ने कलस्टर हथियारों के साथ क्रूज मिसाइलों से हमला किया है. इस घटना के बाद जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि रूस युद्ध को बढ़ाना चाहता है. इस संदर्भ में वह नाटो प्रमुख और सहयोगी देशों के साथ लगातार बात कर रहे हैं. यूक्रेन सेना का कहना है कि गुरुवार के हमले में रूस ने 91 मिसाइलें और 97 ड्रोन इस्तेमाल किए गए.
क्यों ट्रंप की चिंता कर रहे हैं पुतिन
ट्रंप के बारे में पुतिन की चिंता की वजह कुछ और नहीं बल्कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति की नीति है. डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हैं और वह युद्ध में यूक्रेन को बहुत अधिक सहायता देने के पक्ष में नहीं हैं. वह यूक्रेन को अमेरिकी सहायता अमेरिकी टैक्स पेयर के पैसे की बर्बादी बताते हैं. इससे उम्मीद की जा रही है कि ट्रंप के शासन की बागडोर संभालने के बाद यूक्रेन पर दबाव बढ़ेगा और वह रूस के साथ युद्ध को खत्म करने की किसी योजना का हिस्सा बनेगा.
साभार : न्यूज18
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