वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की एक और जीत हो गई है। वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। साथ ही अदालत ने प्रशासन को सात दिन के अंदर बैरीकेडिंग की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। व्यास तहखाना मस्जिद के नीचे स्थित है। इसी में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। एएसआई सर्वे में इसमें कई अहम हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले हैं।
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से अब रोज यहां पर पूजा-अर्चना होगी। नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने 1993 में पूजा-पाठ रुकवा दिया था। अब फिर से पूजा-पाठ का अधिकार मिला है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि भगवान नंदी जहां पर विराजमान हैं, उसके ठीक सामने व्यास परिसर का तहखाना है। यहां 1993 तक पूजा होती थी, लेकिन नवंबर 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे अवैध रूप से बंद करा दिया था। साथ ही पूजा करने वाले पुजारियों को हटा दिया गया था।
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को अस्वीकार करते हुए हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया। 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था। एएसआई सर्वे के दौरान यहां पर साफ-सफाई हुई थी। व्यास तहखाने के कस्टोडियन वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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