मंगलवार, दिसंबर 16 2025 | 03:52:14 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / राजतंत्र का समर्थन कर रहे नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा को सड़क पर घसीटा गया

राजतंत्र का समर्थन कर रहे नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा को सड़क पर घसीटा गया

Follow us on:

काठमांडू. भारत के पड़ोसी मुल्क में सियासी बवाल मचा हुआ है। नेपाल में राजशाही बहाल और देश को हिंदू राज्य घोषित करने की मांग को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) और आरपीपी नेपाल समेत राजशाही समर्थकों का चौथे दिन रविवार को आंदोलन जारी रहा। इस बीच पुलिस पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा को घसीटते हुए ले गई और उनके साथ आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसे लेकर वीडियो भी सामने आए हैं।

स्थानीय पुलिस ने बताया कि काठमांडू में प्रदर्शनों के दौरान नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वे लोग प्रतिबंधित एरिया में घुसने की कोशिश कर रहे थे। नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन की वजह से काठमांडू के मध्य में नारायणहिती पैलेस क्षेत्र के आसपास विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक समारोहों पर शुक्रवार से रोक है।

पूर्व उप प्रधानमंत्री को घसीटने का वीडियो वायरल

पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा को घसीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में कमल थापा के हाथ को पकड़कर पुलिस घसीटती नजर आ रही है। पुलिस ने उन्हें घसीटकर वैन में डाल दिया। इस दौरान कमल थापा ने नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबारी की।

काठमांडू में 29 मई से राजशाही समर्थकों का विरोध प्रदर्शन जारी

काठमांडू में 29 मई से राजशाही समर्थक ग्रुपों का आंदोलन जारी है। यह प्रदर्शन आरपीपी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगडेन के नेतृत्व में हो रहा है। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ नारेबारी की।

2008 में खत्म हुई थी राजशाही प्रथा

आपको बता दें कि नेपाल की राजनीतिक पार्टियों ने साल 2008 में संसदीय घोषणा के जरिए 240 साल पुरानी राजशाही को खत्म कर दिया था और पूर्व हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था। हालांकि, हाल के महीनों में काठमांडू और देश के कई अन्य हिस्सों में राजशाही के समर्थन में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

साभार : न्यूज24

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नाटो सदस्यता की जिद छोड़ दी है, लेकिन ज़मीन छोड़ने से इनकार कर दिया

कीव. यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की ने साफ संदेश …