लखनऊ. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को आज कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर द्वारा विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1989 में शुरू किया गया यह विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार, आईआईटी कानपुर द्वारा अपने पूर्व छात्रों की उत्कृष्ट उपलब्धियों के सम्मान में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। श्री कुमार ने वर्ष 1985 में आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक की उपाधि प्राप्त की। उन्हें आज संस्थान के 66वें स्थापना दिवस समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
ज्ञानेश कुमार ने कानपुर स्पोर्ट्स हब में माथुर वैश्य समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शिरकत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की नींव होता है। उन्होंने कहा कि भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त होने के नाते उनकी जिम्मेदारी है कि देश की मतदाता सूची को सटीक बनाया जाए, चुनाव निष्पक्ष रूप से कराए जाएं और प्रत्येक नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाए, ताकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और सुगमता के साथ सम्पन्न हो सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार में इस समय जो चुनाव हो रहा है, वह दुनिया के सबसे बड़े दस चुनावों में से एक है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पूरे देश में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत की थी, जिसका बिहार में सफलतापूर्वक समापन हुआ। गौरतलब है कि इस प्रक्रिया में एक भी व्यक्ति ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। उन्होंने कहा कि विरोधियों के विरोध के बावजूद आयोग निडरता, कर्मठता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ता रहा है।ज्ञानेश कुमार ने बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम को विश्व का सबसे बड़ा शुद्धिकरण अभियान बताया। उन्होंने कहा कि आगामी 12 राज्यों में जब 51 करोड़ लोगों की मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया जाएगा, तो यह भी अपने आप में एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कार्य होगा।
उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में न केवल भारत के मतदाता बल्कि विश्व के कई देश भी भारत के चुनाव आयोग पर विश्वास करेंगे।बिहार के चुनाव को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दो टूक कहा— “Election Commission has zero tolerance towards violence.” उन्होंने कहा कि कानून के शासन (Rule of Law) के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बिहार के चुनाव पूर्णतः शांति और कानून व्यवस्था के साथ कराए जाएंगे।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हर मतदाता के लिए चुनाव एक पर्व की तरह होगा और बिहार का चुनाव पारदर्शिता के मामले में देश और दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा।पत्रकारों से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार के चुनाव में हर राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के साथ मतदाताओं से वोट की अपील कर रहा है, और यह स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के लिए न कोई पक्ष है और न विपक्ष — सभी राजनीतिक दल आयोग की नजर में समान हैं।बिहार के मतदाताओं से मतदान में भाग लेने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि हर मतदाता शांतिपूर्वक, निडर होकर और अपनी स्वेच्छा से मतदान कर सके। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा या बाधा की गतिविधि को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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