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मध्य प्रदेश के अब दो शहरों में भीख माँगने और देने दोनों पर होगी कार्रवाई

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भोपाल. इंदौर के बाद भोपाल में भिखारियों पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है. प्रशासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि अगर अब कोई भीख लेते और देते हुए दिखाई दिया तो उस पर FIR दर्ज कराई जाएगी. इसकी निगरानी के लिए जिला प्रशासन शहर के अलग-अलग चौराहों पर लगे CCTV कैमरों की मदद लेगा. चौराहों पर कोई भीख मांगता हुआ नजर आएगा तो उस पर सीधे कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल के ज्यादातर ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने वाले भिक्षुओं का जमावड़ा देखने को मिलता हैं. सिग्नल लगते ही भिखारी छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कार के पास पहुंच जाते हैं. कांच साफ करके पैसे मांगते हैं. बच्चों की बीमारी का हवाला देकर भीख मांगते हैं. लेकिन अब आपको ये सब देखने को नहीं मिलेगा और भिक्षुओं से निजात मिल जाएगी. भिक्षावृत्ति रोकने के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए है. भिक्षावृत्ति करने वालों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोलार स्थित आश्रय स्थल ले जाया जाएगा. प्रशासन ने वहां पर भिक्षुक गृह बनाया.

रैन बसेरा किया गया तैयार

भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही एक रैन बसेरा भी भिक्षुओं के लिए आरक्षित कर दिया है. भिक्षुओं को प्रतिस्थापित कर उनके रहने-खाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोलार स्थित रैन बसेरे को भिक्षुक गृह के रूप में आरक्षित किया गया है. सोमवार देर शाम कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भिक्षावृत्ति पर प्रतिबंध के आदेश जारी कर दिए है. आदेश में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए भोपाल जिले के समस्त राजस्व सीमा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है.

भीख देना भी अपराध

आदेश के मुताबिक भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है. जो कोई व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई चीज देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश का उल्लंघन करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश में कहा है कि भोपाल जिले में इस प्रकार की भिक्षावृत्ति में अन्य राज्य और शहरों के व्यक्ति भी संलग्न रहते हैं. जिसमें कई व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास भी रहता है. भिक्षावृत्ति कार्य में संलग्न अधिकांश व्यक्ति नशे या अन्य गतिविधियों में लिप्त रहते हैं. इसकी आड़ में वे आपराधिक गतिविधि कर देते हैं.

साभार : टीवी9 भारतवर्ष

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