इस्लामाबाद. पाकिस्तान की फौज पर बरसते आरोप अब सिर्फ गली-कूचों तक सीमित नहीं रहे. इस बार आवाज उठी है खुद पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष असद इकबाल की तरफ से. एक सार्वजनिक समारोह में उन्होंने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को सीधे शब्दों में ललकारते हुए कहा – ‘भविष्य में यही सड़कें होंगी और इन्हीं हाथों में पत्थर होंगे, आप बच नहीं पाएंगे.’ ये बयान उस देश में आया है जहां फौज के खिलाफ बोलना आज भी जोखिम भरा है. लेकिन जब आम लोग, युवा, और अब अफसर भी फौजी ताकत के खिलाफ खड़े हो जाएं, तो समझिए कि हालात असहनीय हो चुके हैं.
बलूचिस्तान, सिंध और पाक अधिकृत कश्मीर से लगातार युवाओं के गायब होने और उनकी क्षत-विक्षत लाशों के मिलने के बीच यह समारोह आयोजित किया गया था. इसमें पाकिस्तान फौज पर युवाओं को जबरन उठाने और राजनीतिक दलों को दबाने के गंभीर आरोप लगे. जनता की ओर से मिले मंच पर असद इकबाल ने कहा, ‘मैं एक बूढ़ा आदमी हूं लेकिन आपकी गोलियों से डरने वाला नहीं. आप जनरल हो सकते हैं या हाफिज, लेकिन आप में इंसानियत नहीं बची. तोते को भी कुरान याद कराया जा सकता है, इसका मतलब ये नहीं कि आप जो चाहे वो करें.’
‘लोग पत्थर उठाएंगे’
असद इकबाल ने असीम मुनीर को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से आम लोगों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं, उसका अंजाम बहुत भयावह होगा. उन्होंने कहा, ‘याद रखिए, एक दिन सड़कों पर वही लोग खड़े होंगे जिनके हाथों में पत्थर होंगे, और आप कहीं छुपने की जगह नहीं पाएंगे.’ पाकिस्तान की फौज पर आरोप है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद बलूचिस्तान और पीओके में फौज की बर्बरता कई गुना बढ़ गई है. हर हफ्ते दर्जनों युवाओं के अगवा होने और फिर उनकी लाशें मिलने की खबरें आम हो गई हैं. विरोध करने वालों पर फायरिंग, राजनीतिक जुलूसों पर हमला, और नेता-कार्यकर्ताओं का लापता हो जाना जैसे हालात ने देश की फिजा में बगावत घोल दी है.
पाकिस्तान में सेना से सवाल
महिला कार्यकर्ता महरंग बलोच के लापता होने की खबर ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी थी. सेना की इन हरकतों से अब सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ पदों पर बैठे लोग भी आक्रोश में हैं.अब हालात ये हैं कि सरकारी मंचों से भी जनरल और सेना के खिलाफ बयान आने लगे हैं. फौज को अब सत्ता का नहीं, जनता का डर सताने लगा है. पाकिस्तान का आम आदमी अपने जनरल से सवाल पूछ रहा है ‘हमें क्या मिला आपकी बंदूकों से?’
साभार : न्यूज18
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