वाशिंगटन. ईरान से समुद्र के रास्ते यमन के हूतियों तक हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल के पार्ट्स अवैध तरीके से तस्करी करके पहुंचाने के आरोप में पांच लोगों को अमेरिका में सजा सुनाई गई है. इन आरोपियों में एक पाकिस्तानी नागरिक भी है, जिसे 40 साल की सजा सुनाई गई है.
दरअसल, ये पांचों तस्कर मछली पकड़ने वाली नाव की मदद से ईरानी हथियार को यमन के हूतियों तक अवैध तरीके से पहुंचाने का काम करते थे. इन आरोपियों को अमेरिका में सजा सुनाई गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद पहलवान को जनवरी 2024 में अरब सागर में एक US मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान पकड़ा गया था. इस ऑपरेशन में दो नेवी सील्स की जान चली गई थी. आरोपी मोहम्मद पहलवान को अमेरिका की कोर्ट ने इस मामले में दोषी पाया, जिसके बाद 40 साल की सजा सुनाई.
पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद पहलवान की नाव पर US मिलिट्री ने ऑपरेशन करके एडवांस्ड वेपन सिस्टम्स बरामद की थी. ये वेपन ईरान अपनी प्रोक्सी समूहों को मुहैया कराती है. 49 साल के मोहम्मद पहलवान को आतंकवाद और बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाले हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े अपराध मामले में 40 साल की सजा सुनाई गई है.
मोहम्मद पहलवान को ईरान से यमन तक हथियारों की तस्करी करने के लिए 1,400 मिलियन रियाल का मुआवजा दिया गया था. यह हथियारों का खेप ईरान के दो भाई-बहनों, यूनुस और शहाब मीर काज़ी एक ऑपरेशन के तहत भेजा जा रहा था. US अधिकारियों का दावा है कि इन दोनों भाई-बहोनों का ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से गहरा संबंध है.
बता दें कि यमन के हूती लड़ाकों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और ईरान हूती लड़ाकों को हथियार भी मुहैया करवाता है. वहीं, हूती लड़ाके फिलिस्तीन के समर्थन में आए दिन इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से हमले करते हैं.
साभार : जी न्यूज
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