मुंबई. वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयर सोमवार को 10 फीसदी के अपर सर्किट पर पहुंच गए, जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अपने पिछले AGR (Adjusted Gross Revenue) केस के आदेश को संशोधित करेगा अदालत ने साफ किया कि टेलीकॉम कंपनी ने न केवल अतिरिक्त AGR देनदारियों में राहत मांगी थी, बल्कि सभी बकाया की फिर से समीक्षा की भी मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से निवेशकों में नई उम्मीद जागी और कंपनी के शेयर 9.60 रुपये तक पहुंच गए.
सरकार भी कंपनी के साथ, बढ़ी भरोसे की भावना
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो कंपनी को दोनों मुद्दों- अतिरिक्त देनदारी और पुराने बकाया की पुनः समीक्षा- पर राहत देने पर विचार कर सकती है. केंद्र सरकार ने भी वोडा-आइडिया की याचिका में दिए गए बिंदु नंबर 6 पर समर्थन जताया है. इस बिंदु में वित्त वर्ष 2016-17 तक के अतिरिक्त AGR डिमांड का जिक्र था कोर्ट के इस रुख से कंपनी के लिए रास्ता कुछ हद तक साफ होता दिख रहा है.
भारी कर्ज के बोझ में फंसी वोडा-आइडिया
कंपनी पर फिलहाल करीब 83,400 करोड़ रुपये का AGR बकाया है. इसके अलावा ब्याज और पेनल्टी जोड़ने पर कुल देनदारी लगभग 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचती है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) ने पहले कंपनी से 9,450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की थी, जिस पर वोडा-आइडिया ने आपत्ति जताते हुए ब्याज और जुर्माने में छूट की मांग की थी. मार्च 2026 से कंपनी को हर साल लगभग 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.
क्या है AGR?
AGR बकाया यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (Adjusted Gross Revenue) वह रकम है, जो भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को देनी होती है. यह कंपनियों की कुल आमदनी का एक हिस्सा होता है, जिसमें टेलीकॉम सेवाओं के साथ-साथ गैर-टेलीकॉम स्रोतों से होने वाली आय भी शामिल की जाती है. इसी के आधार पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की गणना की जाती है. AGR को लेकर कई बार विवाद हुए हैं, क्योंकि कंपनियों और सरकार के बीच यह मतभेद रहा है कि किन आय स्रोतों को इस गणना में शामिल किया जाए. यही कारण है कि AGR बकाया का मुद्दा अक्सर सुर्खियों में रहता है.
बाजार में दिखा सकारात्मक असर
सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद न सिर्फ वोडा-आइडिया बल्कि अन्य टेलीकॉम शेयरों में भी तेजी देखी गई. इंडस टावर्स के शेयर करीब 4 फीसदी और भारती एयरटेल के शेयर 1 फीसदी तक बढ़े. निवेशकों को उम्मीद है कि अगर सरकार और कोर्ट दोनों से राहत मिलती है तो कंपनी का वित्तीय बोझ काफी कम हो सकता है. और उसके पुनरुद्धार की संभावना मजबूत होगी.
साभार : न्यूज18
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