नई दिल्ली. वन नेशन, वन इलेक्शन पर बड़ा अपडेट सामने आया है। विधि आयोग ने मसौदा विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति से कहा है कि एक साथ चुनाव कराने की खातिर कानूनी ढांचा तैयार करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को लागू करने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है।
विधि आयोग ने 28 नवंबर को संयुक्त समिति को दी गई संक्षिप्त राय में कहा कि यह विधेयक कानून बनाने के संसद के अधिकार के अंतर्गत आता है, जिसके लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले अक्टूबर में विधि आयोग ने संसदीय समिति को विस्तृत राय दी थी।
होगी बड़ी बैठक
यह नया दस्तावेज़ संसदीय समिति को गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले दिया गया, जिसमें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (सेवानिवृत्त), सदस्य सचिव अंजू राठी राणा और संयुक्त सचिव वर्षा सिन्हा सदस्यों को बारीक कानूनी बिंदुओं पर जानकारी देंगे। संसद की संयुक्त समिति लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने संबंधी विधेयकों पर विचार कर रही है।
‘…यह विभिन्न इकाइयों को एक साथ पिरोने का तरीका है’
विधि आयोग ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन किसी भी तरह से संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित नहीं करता है। संघवाद के मुद्दे पर आयोग ने कहा कि भारतीय संविधान में जिस संघवाद की परिकल्पना की गई है, वह विभिन्न इकाइयों का विभाजन नहीं है; बल्कि यह विभिन्न इकाइयों को एक साथ पिरोने का तरीका है, जिसमें मजबूत केंद्र की बात की गयी है।
साभार :नवभारत टाइम्स
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