शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 01:28:29 PM
Breaking News
Home / राज्य / महाराष्ट्र / संत तुकाराम महाराज के वंशज शिरीष महाराज ने की आत्महत्या

संत तुकाराम महाराज के वंशज शिरीष महाराज ने की आत्महत्या

Follow us on:

मुंबई. महाराष्ट्र के पुणे के तीर्थनगरी देहू से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां संत तुकाराम महाराज के 11वें वंशज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक शिरीष मोरे महाराज ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। 30 वर्षीय शिरीष महाराज ने आज सुबह अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की है। इस चौंकाने वाली घटना से शहर में सनसनी फैल गई है। इस घटना की जानकारी मिलते ही देहू रोड पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शिरीष मोरे महाराज के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेजा।  अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की। बहरहाल, शिरीष महाराज की आत्महत्या के बाद तीर्थ गांव देहू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। नागरिक अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।

कुछ दिन पहले ही हुई है सगाई

बता दें कि पुणे जिले में शिव विद्वान के रूप में शिरीष महाराज की बड़ी प्रतिष्ठा थी। वह शिव शम्भो फाउंडेशन के अध्यक्ष भी थे। कुछ दिन पहले ही उनकी सगाई हुई थी। घर में ख़ुशी का माहौल था। उनकी शादी कुछ ही दिनों में होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया है।

क्यों किया सुसाइड?

पुलिस ने अनुमान लगाया है कि आत्महत्या के पीछे वित्तीय कठिनाइयां कारण हो सकती हैं। पुलिस के अनुमान के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने आत्महत्या की होगी। आत्महत्या करने से पहले उसने एक नोट भी लिखा था। शिरीष महाराज का निधन उनके परिवार के लिए बहुत बड़ा सदमा है।

हिंदुओं पर हो रहे अन्याय पर करते थे टिप्पणी

सोशल मीडिया के द्वारा होने वाले धार्मिक प्रवचनों और संघ के स्वयंसेव और हिंदुओं को मार्गदर्शन करने के दौरान शिरीष महाराज यह अपील भी करते थे कि ”उन लोगों से खरीदारी करने से बचें जिनके माथे पर तिलक नहीं है अब तक की अपनी जीवन यात्रा के दौरान।” वह हिंदुओं पर हो रहे अन्याय और अत्याचार पर भी अक्सर टिप्पणी करते रहते थे। लव जिहाद, उद्योग जिहाद, भूमि जिहाद, खाद्य जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी उनकी टिप्पणियां काफी लोकप्रिय रही हैं।

साभार : इंडिया टीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें 

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अजित पवार ने खुलेआम मतदाताओं को उन्हें वोट न देने पर दी फंड न देने की धमकी

मुंबई. महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार के मालेगांव में पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान …