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अमेरिका 2012 से ही सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों को भेज रहा है वापस : एस जयशंकर

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नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में डिपोर्टेशन के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा गया। डिपोर्टेशन कोई पहली बार नहीं हुआ है। विदेश मंत्री ने अपने बयान में पुराने आंकड़े भी गिनाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से ही डिपोर्टेशन के तहत मिलिट्री प्लेन से लोगों को वापस भेजा जाता रहा है। उन्होंने कि भारतीयों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ। भेजे गए लोगों को टॉयलेट ब्रेक दिया गया था।

अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहे हैंः विदेश मंत्री

राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो। जयशंकर ने कहा कि यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।

विदेश मंत्री बोले- पहले से मिलिट्री प्लेन से भेजे जाते रहे हैं ऐसे लोग

विदेश मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को अमेरिकास से वापस भेजा गया है। डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। अवैध तरीके से रहने वाले लोगों को साल 2012 से ही मिलिट्री प्लेन से भेजा जाता रहा है। फ्लाइट में किसी के साथ भी किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं हुआ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है।

विपक्ष ने संसद में उठाया मामला

वहीं, विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की और प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव समेत विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्ष के कुछ नेताओं ने हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।

हाथ-पैरों में हथकड़ी लगने का दावा

बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला जत्था है। निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।

साभार : इंडिया टीवी

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