शनिवार, अप्रैल 12 2025 | 07:33:30 PM
Breaking News
Home / राज्य / अन्य-राज्य / वक्फ संशोधन बिल का विरोध न करने पर नवीन पटनायक की पार्टी में भी मतभेद

वक्फ संशोधन बिल का विरोध न करने पर नवीन पटनायक की पार्टी में भी मतभेद

Follow us on:

भुवनेश्वर. वक्फ संशोधन बिल के समर्थन को लेकर एनडीए की सहयोगी जेडीयू में भगदड़ के बाद बीजेडी भी इस मसले पर दो फाड़ हो गई है. राज्यसभा में इस विधेयक को मंजूरी दिलाने में इस पार्टी के सांसदों की भूमिका काफी अहम रही. हालांकि बीजेडी अपने गृह राज्य ओडिशा में भाजपा के विरोध में खड़ी है. शनिवार को पार्टी के पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने बीजेडी के राज्यसभा फ्लोर लीडर सस्मित पात्रा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. जेना ने पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि वक्फ बिल पर पार्टी के आखिरी मिनट में बदले गए रुख के पीछे साजिश है.

उन्होंने सस्मित के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर सवाल उठाया, जिसमें सस्मित ने कहा था कि बीजेडी के राज्यसभा सांसद इस बिल पर अपनी अंतरात्मा की आवाज के आधार पर फैसला ले सकते हैं. सस्मित ने यह पोस्ट तब किया जब पार्टी महीनों से कहती आ रही थी कि वह राज्यसभा में इस विधेयक का विरोध करेगी. गुरुवार को राज्यसभा में बहस के दौरान बीजेडी सांसद मुजिबुल्ला खान ने बिल का विरोध किया था. राज्यसभा में बीजेडी के सात सांसदों में से दो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं- खान इकलौते मुस्लिम सांसद हैं, जबकि सस्मित पात्रा ईसाई समुदाय से आते हैं. जेना ने कहा कि आखिरी वक्त में फैसले में बदलाव समझ से परे है. हमारी पार्टी हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रही है और यह साफ था कि हम वक्फ बिल का विरोध करेंगे. बीजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रफुल्ल समल ने भी सस्मित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

सांसदों में मतभेद

बीजेडी के राज्यसभा सांसद देबाशीष समंतराय ने भी पार्टी नेतृत्व के सलाहकारों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक ने दो बार साफ कहा था कि हम बिल का विरोध करेंगे. जिन लोगों ने आखिरी मिनट में यह बदलाव सुझाया, वे पार्टी के हित में काम नहीं कर रहे थे. समंतराय ने किसी मुख्य सलाहकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, लेकिन उसका नाम नहीं लिया. उनका कहना था कि सस्मित को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन्होंने नेतृत्व के निर्देशों का पालन किया होगा. लेकिन इस बदलाव ने पार्टी को शर्मिंदगी में डाल दिया.

एक रिपोर्ट के मुताबिक सस्मित पात्रा इस वक्त उज्बेकिस्तान में एक अंतर-संसदीय संघ की बैठक में हिस्सा लेने गए हैं. इसलिए जेना के आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि वे पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का पालन कर रहे थे. जेना के पत्र पर बीजेडी प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा कि हम हमेशा से धर्मनिरपेक्षता का सम्मान करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे.

साभार : न्यूज18

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

नेपाली छात्रा की मौत मामले में केआईआईटी के 3 डायरेक्टर सहित 6 गिरफ्तार

भुवनेश्वर. भुवनेश्वर स्थित कीट विश्वविद्यालय में सोमवार को बीटेक थर्ड ईयर की नेपाली छात्रा की …