ढाका. भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात के बीच बांग्लादेश में बड़े राजनीतिक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया लंबे समय बाद लंदन से ढाका पहुंची हैं. खालिदा जिया को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है. छात्र आंदोलन के दौरान पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था और वो भारत शरण लेने पहुंची थीं. इसके बाद पैदा हुए सियासी माहौल को खालिदा जिया अपने अनुकूल मान रही हैं.
युनूस सरकार की मेहमाननवाजी
बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस की सरकार ने खालिदा जिया की मेहमाननवाजी में कोई कसर नहीं छोड़ी. उनके लंबे काफिले के लिए जगह जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था. रास्तों को बंद कर समर्थकों द्वारा स्वागत के लिए चेक प्वाइंट बनाए गए थे. जिया के घर गुलशन पैलेस को भी महल की तरह सजाया गया था.
जगह-जगह भव्य स्वागत
खालिदा जिया बहुओं के साथ एयर एंबुलेंस से ढाका पहुंचीं. एयरपोर्ट से उनके घर गुलशन पैलेस तक उनका भव्य स्वागत पार्टी समर्थकों ने किया. कतर के अमीर शेख तमाम बिन हमद अल थानी ने खालिदा जिया को एयर एंबुलेंस मुहैया करवाई थी. एयरपोर्ट पर ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेताओं ने उनका जमकर स्वागत किया. हवाई अड्डे के बाहर भी हजारों समर्थकों का हुजूम उमड़ा था.
शेख हसीना सत्ता से बेदखल
पिछले साल सरकार विरोधी बड़े आंदोलन के दौरान शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था और नोबेल विजेता मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली थी. जिया की पार्टी युनूस पर चुनाव कराने के लिए लगातार दबाव बना रही है.लेकिन कहा जा रहा है कि युनूस सरकार दिसंबर के पहले चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है और इसे अगले साल जून तक भी टाल सकती है.
खालिदा जिया का ख्वाब
खालिदा जिया समर्थकों को लग रहा है कि शेख हसीना के देश छोड़ने और आम जनता में अवामी लीग पार्टी के खिलाफ गुस्से को देखते हुए बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी दोबारा सत्ता में लौट सकती है. अवामी लीग नेता शेख हसीना जनवरी 2009 से अगस्त 2024 तक करीब 15 साल बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद पर रहीं.
साभार : जी न्यूज
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