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नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना में घायलों के लिए कैशलेस उपचार सुविधा की लांच

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नई दिल्ली. सड़क दुर्घटना में घायलों को देशभर में मार्च तक कैशलेस इलाज मिलने लगेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि किसी भी प्रकार की सड़क पर वाहनों के कारण हादसा होने पर घायलों को सात दिन तक प्रति दुर्घटना, प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।

इस योजना को मार्च से इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी

योजना को लागू करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगले संसद सत्र में मोटर वाहन संशोधन कानून पेश किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘कैशलेस’ उपचार प्रदान करने के लिए पायलट योजना शुरू की थी। योजना को बाद में छह राज्यों में लागू किया गया। अब मार्च से इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है।

ट्रक और बसों को ट्रेनों के लिए ‘कवच’ सुरक्षा जैसी प्रणाली आएगी

गडकरी ने बताया कि 42वीं परिवहन विकास परिषद की बैठक में सड़क सुरक्षा प्राथमिकता में रही। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि वाहन बनाने वाली कंपनियां जो भी भारी वाहन यानी बस और ट्रक बनाएंगी, उसमें तीन सुरक्षा तकनीकें अनिवार्य से रूप से होंगी। माना जा रहा है कि यह तकनीकें ट्रक और बसों को ट्रेनों के ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली जैसी सुरक्षा दे सकती हैं। नई दिल्ली में दो दिन कार्यशाला के साथ ही परिषद की बैठक चली। पहले दिन सोमवार को 27 राज्यों के परिवहन सचिवों और परिवहन आयुक्तों के साथ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने बैठक की, जबकि मंगलवार को नितिन गडकरी ने परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए भारी वाहनों में तीन तकनीकें अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रानिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और आटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम से दो वाहनों के टकराव को रोका जा सकता है, जबकि ड्राइवर ड्राउजीनेस सिस्टम अलर्ट ऐसा आडियो सिस्टम होगा यह भांप लेगा कि ड्राइवर को झपकी या आलस आ रहा है और ड्राइवर को सतर्क कर देगा।

नितिन गडकरी ने शुरू की ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर पॉलिसी

गडकरी ने बताया कि वर्ष 2024 में सड़क हादसों में जिन 1.80 हजार लोगों की मृत्यु हुई है, उसमें 35 हजार मौतें बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवरों की वजह से हुई हैं। ड्राइवर प्रशिक्षित हों, इसके लिए मंत्रालय ने ड्राइवर ट्रेनिंग पॉलिसी लांच की है। इसके तहत देशभर में 1250 नए ट्रेनिंग सेंटर और फिटनेस खोले जाएंगे। इसमें मंत्रालय की ओर से करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन सेंटरों से करीब 25 लाख नए ड्राइवर ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस के साथ निकलेंगे और उनको रोजगार मिलेगा, वहीं करीब 15 लाख लोगों को इन सेंटरों में रोजगार मिलेगा। हर जिले में एक आटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर की भी स्थापना होगी।

..तो आठ घंटे से अधिक वाहन नहीं चला सकेगा ड्राइवर

जयपुर हादसे का उल्लेख करते हुए गडकरी ने बताया कि ड्राइवर सुबह साढ़े चार बजे से लेकर रात 9.30 बजे तक गाड़ी चला रहा था। यूरोप में कोई भी ड्राइवर आठ घंटे से अधिक गाड़ी नहीं चला सकता। भारत में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। मंत्रालय इस सुझाव पर आगे बढ़ेगा कि ऐसी व्यवस्था हो कि आधार कार्ड से ¨लक्ड कार्ड को स्वैप करने पर इंजन स्टार्ट हो और आठ घंटे बाद वह इंजन तभी शुरू हो, जब दूसरा ड्राइवर अपना कार्ड स्वैप करे।

साभार : दैनिक जागरण

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