नई दिल्ली. मिल्कीपुर विधानसभा (Milkipur by election result) सीट पर भाजपा के चंद्रभानु पासवान (Chandrabhanu Paswan) ने जीत हासिल की है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद (Ajit Prasad) को 61 हजार वोटों से हराया। इस सीट पर सपा का सालों से कब्जा रहा है। इस बार बीजेपी ने सपा को करारी शिकस्त दी। अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट पर भाजपा हारी थी, लेकिन 8 महीने बाद ही विधानसभा उपचुनाव में मिल्कीपुर सीट जीतकर (milkipur bypoll results 2025) बीजेपी ने अयोध्या की हार का बदला ले लिया है।
सीएम योगी की प्रतिष्ठा का था सवाल
बता दें कि अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) के त्याग पत्र के बाद मिल्कीपुर सीट (Milkipur by elections result) खाली हुई थी। सपा ने अवधेश के बेटे अजीत (Ajit Prasad) को प्रत्याशी बनाया था। वहीं, बीजेपी से चंद्रभानु पासवान मैदान में थे। चूंकि अवधेश प्रसाद (Awadhesh Prasad) अयोध्या में जीतकर सांसद बने थे। इस बाबत यह सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी थी और उन्होंने लगातार अयोध्या के दौरे कर मिल्कीपुर में जीत के लिए वातावरण तैयार किया था।
अयोध्या में मिली हार ने दी जीत की राह
2024 जनवरी में राम मंदिर का निर्माण होने के बाद किसी को उम्मीद नहीं थी कि बीजेपी अयोध्या सीट हार जाएगी, लेकिन जब नतीजे सामने आए तो हर कोई हैरान रह गया। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नीतजों के बाद सीएम योगी (CM Yogi) ने खुद मोर्चा संभाला। नवंबर 2024 में प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसकी जिम्मेदारी सीएम ने खुद ली और जोरों-शोरों के साथ मजबूत प्लान तैयार किया। इसी का नतीजा था कि उपचुनाव की 8 सीटों पर बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी।
मिल्कीपुर के मैदान में उतरे थे कई दिग्गज
बता दें कि मिल्कीपुर (Milkipur By Election) का मामला कोर्ट में मामला फंसा हुआ था। इसी वजह से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के तारीख का ऐलान जनवरी में हुआ। तारीख सामने आने के बाद सुबे के मुखिया अलर्ट हो गए। मिल्कीपुर में भाजपा का आधा मंत्रिमंडल उतर गया और घर-घर तक पहुंचा। बीते दिनों सीएम योगी ने जनसभा की थी। जनसभा के बाद मुख्यमंत्री ने रुदौली विधायक रामचंद्र यादव, बीकापुर विधायक अमित सिंह चौहान, गोसाईंगंज से विधायक रहे इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू और मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा से अलग-अलग मुलाकात की। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपस्थित लोगों को उप चुनाव में जीत की जिम्मेदारी सौंपी। सभी ने सीएम को रिकॉर्ड मतों से जीत के लिए आश्वस्त भी किया। इसी का नतीजा रहा कि बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को कड़ी पटखनी दी है।
सीएम योगी ने खुद संभाला था मोर्चा
मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए सीएम योगी शुरू से ही एक्टिव थे। उन्होंने चुनाव का कमान संभाल रखा था। उन्होंने मिल्कीपुर में कई जनसभाएं कीं। पार्टी के जिम्मेदार नेताओं से मिले और उन्हें दायित्वों को सौंपा। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने मिल्कीपुर में प्रचार-प्रसार के लिए करीब 10 मंत्रियों को भी लगा रखा था। भाजपा ने बूथ लेवल पर सघन अभियान चलाया, जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। इसका असर 5 फरवरी को मतदान के समय भी दिखा था। 8 फरवरी को बीजेपी शुरू से ही बढ़त बनाए थी।
सालों से सपा का ही रहा है कब्जा
मिल्कीपुर सीट पर सालों से समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहा है। ये सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साल 1991 से अब तक बीजेपी यहां सिर्फ दो बार चुनाव जीती है, जबकि छह बार सपा और दो बार बसपा से विधायक रहे हैं। इस बार 8 साल बाद बीजेपी के हिस्से मिल्कीपुर सीट आई।
मिल्कीपुर उपचुनाव
इससे पहले मिल्कीपुर में वर्ष 1998 व वर्ष 2004 में उपचुनाव हुआ था। इन दोनों उपचुनावों के परिणाम सपा के पक्ष में रहे हैं। सपा प्रत्याशी के तौर पर रामचंद्र यादव ने दोनों उपचुनावों में जीत हासिल की। अब वह तीन बार से लगातार रुदौली से भाजपा विधायक हैं।
परिणाम उपचुनाव वर्ष 2004
सपा- रामचंद्र यादव – 89116
बसपा- आनंदसेन यादव – 54098
भाजपा- देवेंद्र मणि त्रिपाठी- 6751
परिणाम उपचुनाव वर्ष 1998
सपा- रामचंद्र यादव 36908
भाजपा- बृजभूषण त्रिपाठी – 33776
बसपा – दिनेश प्रताप सिंह – 33195
साभार : दैनिक जागरण
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