टोरंटो. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक और झटका लगा है. पहले उन्हें पीएम की कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ा. अब उन्हें कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. दरअसल, ट्रूडो जिस खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत पर दोष मढ़ रहे थे उसके हत्यारोपियों को उनके ही देश की अदालत ने रिहा कर दिया है. हरदीप सिंह निज्जर के कथित चार हत्यारे जमानत पर रिहा हो गए हैं. कनाडा के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की 11 फरवरी को सुनवाई होगी. सबूतों के अभाव में कनाडा पुलिस निचली कोर्ट में पेश ही नहीं हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्टे आफ प्रोसीडिंग्स पर रिहा कर दिया.
जिस हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत पर आरोप लगाए थे. उसी हत्याकांड में कनाडा की पुलिस पेश ही नहीं हुई. जबकि कथित चार हत्यारों करण बरार, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करनप्रीत सिंह के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने दाखिल कर दिया गया था. कनाडा के सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत अपील की. जहां 18 नवंबर को पहली सुनवाई हुई थी. इसके बाद पुलिस के रुख को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया. कनाडा सरकार का दस्तावेज साफ तौर पर बता रहा है कि ये चारों कथित आरोपी अब कनाडा पुलिस की कस्टडी हिरासत जेल में नहीं हैं. उन्हें स्टे ऑफ प्रोसीडिंग्स पर रिहा कर दिया गया.
पुलिस के तय किए थे आरोप
कनाडा पुलिस का दस्तावेज नंबर 256562 -2 सी यह बताता है कि इन आरोपियों के खिलाफ 18 जून 2023 और 1 में 2023 को पुलिस द्वारा आरोप तय किए गए थे. इन पर हत्या और हत्या के लिए षड्यंत्र के तहत आरोप लगाए गए थे. कनाडा सरकार के अधिकारिक बयान के मुताबिक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब 11 फरवरी 2025 को सुबह 9:00 बजे केस मैनेजमेंट कांफ्रेंस के लिए निर्धारित किया गया है. प्री ट्रायल आवेदन और ट्रायल की तारीखों का निर्धारण भी जल्द किया जाएगा. ट्रायल शुरू होने से पहले कई प्री ट्रायल आवेदन आएंगे लेकिन यह कब आएंगे इसकी अवधि का कोई अनुमान नहीं है. यानी कनाडा पुलिस के पास फिलहाल इतने ठोस सबूत नहीं है कि वह प्री ट्रायल कार्रवाई भी जल्द से जल्द शुरू करा सके.
ध्यान रहे की हरदीप सिंह हत्याकांड को लेकर कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि बाद में उन आरोपों से इनकार कर दिया था. इस हत्याकांड में कनाडा के ही चार सिख गिरफ्तार हुए थे. माना जा रहा है कि हत्याकांड गुरुद्वारों पर वर्चस्व की लड़ाई और ड्रग्स और हथियार तस्करी को लेकर हुआ था. यह भी आरोप लगा था कि सांसद जगमीत सिंह धालीवाल और कट्टर खालिस्तानी समर्थक सुखधालीवाल के दबाव में आकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन टुडो ने भारत पर आरोप लगाए थे. कनाडा पुलिस ने भी उसे समय बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन उनके तमाम दावे कोर्ट में ताश के पत्तों की तरह ढह गए और कनाडा पुलिस कोर्ट में कई तारीखों पर पेश ही नहीं हुई. जिसके चलते कथित चारों आरोपियों को अब जमानत मिल गई है.
साभार : न्यूज18
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं