मुंबई. यूट्यूब के सीईओ नील मोहन को टाइम मैग्जीन ने सीईओ ऑफ द ईयर 2025 का खिताब दिया है. टाइम मैग्जीन के अनुसार नील मोहन शांत और विचारशील स्वभाव के व्यक्ति है. जो किसी हलचल भरे माहौल में भी खुद को शांत बनाए रखते हैं.
साल 2023 से नील यूट्यूब के सीईओ का पद का संभाल रहे हैं. सुसान वोज्स्की के सीईओ के पद छोड़ने के बाद नील को यूट्यूब की जिम्मेदारी दी गई थी. नील ने इस जिम्मेदारी को बखूबी ढंग से निभाया है.
सीईओ ऑफ द ईयर 2025 बनने का सफर
नील मोहन का जन्म अमेरिका के मिशिगन शहर में एक साधारण परिवार में हुआ. नील के पिता 1960 के दशक में सिविल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने अमेरिका गए थे. नील के पिता बदलावों को स्वीकार करने वाले और रिस्क लेने की क्षमता वाले व्यक्ति थे. यही गुण नील मोहन में भी देखने को मिलता है. 6 साल की उम्र में उन्होंने स्टार वार्स नामक एक फिल्म देखी. जिसका असर नील पर इतना गहरा हुआ कि वे, टेक्नोलॉजी और मीडिया से प्यार करने लगे.
नील जब 12 साल के हुए तो, उनका परिवार उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में शिफ्त हो गया. नील के लिए भारत में रहना एक कल्चरल शॉक की तरह था. अपने दोस्तों को खोने का दुख, नई भाषा (हिंदी) और नई संस्कृति उन्हें सीखनी पड़ी. नील बताते हैं कि संस्कृत इतनी कठिन और नियमों वाली भाषा थी कि, उन्हें यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग सीखने जैसी लगी.
इसके बाद वे कॉलेज की पढ़ाई के लिए अमेरिका लौट गए और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरा किया. आगे चलकर उन्होंने बिजनेस स्कूल की डिग्री भी हासिल की. पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने कुछ समय एक कंसल्टिंग फर्म में काम किया.
नील के जीवन में असली बदलाव तब आया जब उन्होंने एक छोटे से स्टार्टअप NetGravity को ज्वाइंन किया. यह एक ऐसी कंपनी थी जो, इंटरनेट पर विज्ञापन से कमाई के नए तरीके खोजने पर काम कर रही थी. इसी जगह से उनकी असली डिजिटल जर्नी की शुरुआत हुई, जहां उन्होंने ऑनलाइन दुनिया का पूरा सिस्टम करीब से समझा.
गूगल में कैसे पहुंचे नील मोहन?
इंटरनेट के शुरुआती दौर में इंटरनेट से पैसा कमाने को लेकर ज्यादा जानकारी न होने के कारण NetGravity को जल्द ही एक बड़ी एड टेक कंपनी DoubleClick ने खरीद लिया. नील मोहन नई कंपनी में ऐड प्रोडक्ट बनाने का काम करने लगे. 2007 में गूगल ने 3.1 बिलियन डॉलर में DoubleClick को खरीद लिया. इस तरह नील गूगल कंपनी तक पहुंचे.
यूट्यूब के साथ सफर की शुरुआत
गूगल में काम करने के दौरान नील की मुलाकात सुसान वोज्स्की से हुई. जो गूगल विज्ञापन को हेड कर रही थी. गूगल और DoubleClick के सौदे को लेकर सुसान ने ही ज्यादा जोर दिया थी. गूगल में काम करते वक्त दोनों की दोस्ती हुई.
नील उन्हें अपना मेंटॉर भी मानते हैं. सुसान को जब यूट्यूब को हेड करने का मौका मिला तो, उन्होंने अपनी टीम में नील को भी जगह दी. नील को यूट्यूब का चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर बनाया गया. इस तरह से उनकी यूट्यूब की जर्नी शुरू हुई.
साभार : एबीपी न्यूज
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