बुधवार, दिसंबर 17 2025 | 10:22:22 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 4 एयरबेसों को भारी नुकसान

भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 4 एयरबेसों को भारी नुकसान

Follow us on:

नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अब धीरे-धीरे युद्ध जैसे हालात में बदलता जा रहा है। पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस कदर बौखलाया है कि वह लगातार भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहा है। पाकिस्तान ने शुक्रवार शाम को भारत के चार राज्यों के 26 शहरों में आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमले किए। जिसे भारतीय मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने तबाह कर दिया। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के चार एयरबेस को तबाह कर दिया। ये चार एयरबेस नूर खान, मुरीद, रफीकी, आदमपुर है। ऐसे में आइये जानते हैं ये एयरबेस पाकिस्तान के लिए कितने इर्म्पोटेंट है?

नूर खान से ड्रोन और मिसाइल सिस्टम का संचालन

नुर खान एयरबेस पाकिस्तान के रावलपिंडी में है। इसकी स्थापना 1935 में हुई थी। ये एयरपोर्ट पाकिस्तान वायुसेना का अहम एयरपोर्ट है। रणनीतिक तौर पर यह एयरपोर्ट इसलिए भी अहम माना जाता है कि क्योंकि यह इस्लामाबाद और रावलपिंडी के करीब भी है। इस एयरबेस से लड़ाकू विमान, ड्रोन और मिसाइल सिस्टम संचालित किए जा सकते हैं। वहीं मुरीद एयरबेस पंजाब के चकवाल में है। इसका इस्तेमाल ड्रोन संचालन और निगरानी के लिए किया जाता है। भारत ने 1971 के जंग में यहां पर हवाई हमला किया था।

रफीकी एयरबेस पर मिराज जैसे लड़ाकू विमान

रफीकी एयरबेस पाकिस्तान के शोरकोट में स्थित है। इस एयरबेस से जेएफ 17 और मिराज जैसे लड़ाकू विमान तैनात होते हैं। ये एयरबेस रनवे, हैंगर, एडवांस रडार और कम्यूनिकेशन सुविधाओं से लैस है। इसके अलावा भारत ने पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर भी हमला किया है। इन हमलों के पाकिस्तान की एयरफोर्स को कितना नुकसान हुआ है ये अभी साफ नहीं हो पाया है। सोशल मीडिया पर भारत के हवाई हमले के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।

साभार : न्यूज24

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रामविलास वेदांती का निधन

लखनऊ. पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का बीमारी के चलते निधन हो गया। उन्होंने …