मुंबई. भारत के दूसरे सबसे बड़े निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बचत खातों के लिए न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि (एमएबी) में बड़ा इजाफा कर इसे 50,000 रुपये कर दिया है। यह बदलाव 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी है। यह बदलाव एक अगस्त के बाद खोले गए सभी नए खातों पर लागू होगा। घरेलू बैंकों के बीच न्यूनतम राशि की आवश्यकता की बात करें तो यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। नए बदलावों के तहत महानगरीय और शहरी शाखाओं के ग्राहकों को न्यूनतम औसत शेष राशि 50,000 रुपये रखनी होगी। यह वर्तमान के10,000 रुपये से काफी ज्यादा है। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, न्यूनतम शेष राशि 5,000 रुपये से बढ़कर 25,000 रुपये हो जाएगी। ग्रामीण इलाके के खातों के लिए न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि 2,500 रुपये से बढ़कर 10,000 रुपये हो जाएगी।
आईसीआईसीआई बैंक आवश्यक एमएबी में कमी का 6% या 500 रुपये, जो भी कम हो जुर्माने के रूप में वसूलेगा। उदाहरण के लिए, मेट्रो शाखा में 10,000 रुपये की कमी होने पर सामान्यतः 600 रुपये का जुर्माना लगता था, लेकिन नए नियमों के तहत यह शुल्क 500 रुपये तक सीमित कर दिया गया है। आईसीआईसीआई बैंक ने अपने नकद लेनदेन के नियमों में भी बदलाव किया है। ग्राहकों को प्रति माह तीन मुफ्त नकद जमा लेनदेन की सुविधा मिलेगी। इनकी कुल राशि 1 लाख रुपये तक होगी। इससे ज्यादा जमा पर 150 रुपये प्रति लेनदेन या 1,000 रुपये जमा पर 3.50 रुपये (जो भी ज्यादा हो) का शुल्क लगेगा।
साभार : अमर उजाला
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