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शोर मचाती कट्टरपंथियों की भीड़ ने पश्चिम बंगाल में बस से उतरवाया भगवा झंडा

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कोलकाता. अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है. इससे पहले ही राज्य की सियासी गर्मी बढ़ चुकी है. राज्य के कई हिस्सों में सांप्रदायिक टेंशन देखने को मिल रहा है. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक भीड़ बस पर लगे भगवा झंडे को उतारती हुई दिख रही है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. पश्चिम बंगाल में विपक्ष और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने एक्स हैंडल पर घटना का वीडियो शेयर किया है.

शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर घटना का वीडियो शेयर किया है. उन्होंने लिखा है कि स्वामी विवेकानंद की जन्मस्थली कोलकाता से चौंकाने वाले दृश्य! साहस, बलिदान और वीरता का प्रतीक भगवा ध्वज, कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा बस से जबरन उतार दिया गया. क्या यही वह सद्भाव और सहिष्णुता है जिसके लिए स्वामीजी खड़े थे? ममता बनर्जी की निगरानी में, इस तरह की हरकतें बिना रोक-टोक हो रही हैं और पुलिस चुपचाप खड़ी है. हमारी संस्कृति और मूल्यों के प्रति सम्मान कहां है?

यहां हमास-फिलिस्तीन के झंडा लहराएंगे मगर…

भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि, ‘यहां आपको हमास, फिलिस्तीन, पाकिस्तान, सीरिया और ISIS के झंडे लहराते हुए मिलेंगे, लेकिन रामनवमी के झंडे गाड़ियों से हटा दिए जाते हैं. क्या कोलकाता ढाका, सीरिया या अफ़गानिस्तान बन गया है? यही ममता बनर्जी चाहती हैं? इस बार राज्य में निकाले गए भव्य रामनवमी जुलूस ने इन हरकतों को हवा दी है.

मूक दर्शक बनी पुलिस

दरअसल, एक बस पर लगे भगवा झंडे को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा जबरन हटाने की घटना ने विवाद खड़ा कर दिया है. यह घटना गुरुवार 10 अप्रैल की बताई जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिख रहा है कि कोलकाता में एक बस ड्राइवर, जो अपनी ड्यूटी कर रहा था. कथित तौर पर कुछ लोगों ने धमकाया और बस पर लगे भगवा झंडे को हटाने के लिए मजबूर किया. इस दौरान पुलिस के कुछ जवान मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया. यह घटना स्वामी विवेकानंद के जन्मस्थान के आसपास के क्षेत्र में हुई, जिसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.

सोशल मीडिया पर हंगामा

सोशल मीडिया पर इस घटना ने तूल पकड़ लिया. कई लोगों ने इसे हिंदू संस्कृति और मूल्यों पर हमला बताया. कुछ यूजर्स ने लिखा कि क्या अब पश्चिम बंगाल में अपनी धार्मिक पहचान दिखाना अपराध हो गया है? दूसरी ओर, कुछ ने इसे सामुदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करार दिया. हालांकि, इस घटना की आधिकारिक पुष्टि या पुलिस की ओर से कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है.

ममता बनर्जी और पुलिस पर सवाल

इस घटना ने ममता बनर्जी की सरकार पर सांस्कृतिक सम्मान और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कुछ लोगों का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के तहत ऐसी घटनाएं बिना किसी कार्रवाई के बढ़ रही हैं. पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस ने मामले में तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया. हालांकि, इस मामले में सरकार या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है.

साभार : न्यूज18

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