नई दिल्ली. अमेरिका की तरफ से भारतीय प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि उसके दोस्त मेक्सिको ने भी भारत से निर्यात किये जाने वाले प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाने का फैसला किया है. मैक्सिको की संसद ने बुधवार को इस पर फैसला लिया. मैक्सिको की पार्लियामेंट की तरफ से लिये गए फैसले में भारत, चीन, साउथ कोरिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया समेत कई एशियाई देशों से आने वाले प्रोडक्ट पर 2026 से 35% से 50% तक का टैरिफ बढ़ाया गया है. मैक्सिको के इस कदम से ग्लोबल ट्रेड वार में नया मोर्चा खुल सकता है. यह कदम अमेरिका के साथ ट्रेड एग्रीमेंट (USMCA) के रिव्यू से पहले मैक्सिको की स्ट्रेटजी का हिस्सा माना जा रहा है.
76 वोटों से पास किया गया बिल, 5 वोट विरोध में पड़े
मैक्सिको की सीनेट ने टैरिफ बिल को 76 वोटों से पास किया गया. महज 5 वोट विरोध में रहे और 35 ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. पहले यह बिल लोअर हाउस में पास किया जा चुका है. 2026 से लागू होने वाले इस नियम के तहत बिना ट्रेड एग्रीमेंट वाले देशों से आने वाले प्रोडक्ट पर ज्यादा ड्यूटी लगेगी. विपक्षी सीनेटर मारियो वास्केज ने कहा कि यह एक्स्ट्रा टैरिफ देशवासियों को महंगा पड़ेगा. उन्होंने इसे देश की इकोनॉमी के लिए जरूरी बताया क्योंकि चाइनीज प्रोडक्ट से लोकल इंडस्ट्री कमजोर हो रही है. सत्ताधारी मोरेना पार्टी के सीनेटर इमैनुएल रेयेस ने कहा कि यह महज पैसा कमाने का तरीका नहीं, बल्कि देश की सप्लाई चेन मजबूत करने और नौकरी बचाने की पॉलिसी है.
किन सामान पर कितना टैरिफ लगेगा?
ऑटो, ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, कपड़े, प्लास्टिक, स्टील जैसे प्रोडक्ट पर 50% तक का टैरिफ लगाया है. बाकी प्रोडक्ट में से ज्यादातर पर 35% तक का टैरिफ लगेगा. पहले 1,400 प्रोडक्ट पर टैरिफ लगाने का प्रस्ताव था. लेकिन अब दो-तिहाई प्रोडक्ट पर टैरिफ कम कर दिया गया है. मैक्सिको सरकार का कहना है कि यह कदम लोकल इंडस्ट्री को सस्ते एशियाई सामान से बचाएगा. इतना ही नहीं इससे जॉब मार्केट के मौके सुरक्षित होंगे. इससे 2026 में करीब 31,500 करोड़ रुपये अतिरिक्त रेवेन्यू आएगा.
भारत और चीन पर क्या असर पड़ेगा?
ट्रंप प्रशासन चाइनीज प्रोडक्ट के मैक्सिको के रास्ते अमेरिका में आने से चिंतित है. पहले भी मैक्सिको ने कुछ चाइनीज सामानों पर टैरिफ बढ़ाया था. अब नए कदम को अमेरिका को खुश करने और USMCA की साल 2026 रिव्यू में मजबूत स्थिति बनाने की कोशिश मानी जा रही है. देश से ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, कपड़े, स्टील और प्लास्टिक जैसे सामान महंगे हो जाएंगे. इससे भारतीय एक्सपोर्टर को नुकसान हो सकता है. चीन इस तरह के फैसलों से पहले ही परेशान है, लेकिन उसने भी तक इस पर किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
मैक्सिको के लिये क्या है चुनौती?
टैरिफ लगाने के बाद मैक्सिको दोनों तरफ से दबाव में आ गया है. एक तरफ उसके लिये अमेरिका से ट्रेड बनाये रखना जरूरी है, दूसरी तरफ मैक्सिको एशियाई देशों के साथ रिलेशन खराब नहीं करना चाहेगा. जानकारों का कहना है कि यह फैसला मैक्सिको की ‘यूएस बेस्ड’ ट्रेड पॉलिसी को मजबूत करेगा. लेकिन इससे मैक्सिको के लिये महंगाई बढ़ने का खतरा बना रहेगा. 2026 से टैरिफ लागू किये जाने के बाद मैक्सिको के मार्केट में एशियाई प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे.
साभार : जी न्यूज
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