गुरुवार, अप्रैल 24 2025 | 11:41:11 AM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने महरंग बलूच की हिरासत पर फैसला रखा सुरक्षित

बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने महरंग बलूच की हिरासत पर फैसला रखा सुरक्षित

Follow us on:

क्वेटा. बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) नेता महरंग बलूच और अन्य कार्यकर्ताओं की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एजाज अहमद स्वाति और न्यायमूर्ति मोहम्मद आमिर नवाज राणा की दो सदस्यीय पीठ ने की। महरंग बलूच की बहन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने हिरासत को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट से कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीवाईसी नेता महरंग बलूच और अन्य कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने (एमपीओ) अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है। इस अधिनियम को 3एमपीओ के रूप में भी जाना जाता है।

वकीलों की एक टीम ने पेश की दलीलें

हाईकोर्ट में महरंग और अन्य बंदियों की ओर से कामरान मुर्तजा, राहिब बुलेदी, खालिद कुबदानी और अहमद कुर्द सहित वरिष्ठ वकीलों की एक टीम ने दलीलें पेश कीं। वकीलों की टीम ने तर्क दिया कि बीवाई नेता और अन्य कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। हिरासत आदेश में कानूनी औचित्य का अभाव था, जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

महाधिवक्ता बशारत की आपत्ति के बाद बढ़ी बहस

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकीलों को संविधान के अनुच्छेद 5 के तहत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जो देश के प्रति निष्ठा और संविधान तथा कानून का पालन करने से संबंधित है। वकीलों ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हलफनामा प्रस्तुत कर दिया। हालांकि, सरकार की ओर से महाधिवक्ता अदनान बशारत ने इसके कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई, जिससे बहस और बढ़ गई। हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

वरिष्ठ वकील मुर्तजा ने अनुकूल निर्णय की जताई उम्मीद

हाईकोर्ट से बाहर आने के बाद वरिष्ठ वकील कामरान मुर्तजा ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने अनुकूल निर्णय की उम्मीद जताई। मुर्तजा ने हिरासत को अवैध बताते हुए याचिका को कानूनी रूप से सही ठहराया। उन्होंने कहा कि याचिका मौलिक अधिकारों पर आधारित है।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

बोगनविले बन सकता है नया देश, स्वतंत्रता के लिए अमेरिका से मांगा सहयोग

वाशिंगटन. दुनिया के नक्शे पर जल्द ही एक नए देश का नाम जुड़ने जा रहा …

News Hub