जम्मू. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को यहां हाउस अरेस्ट करने से अच्छा संदेश नहीं गया है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि डोडा के विधायक के खिलाफ पीएसए का इस्तेमाल गलत है। अब आपने (एलजी) एक राज्यसभा सदस्य को अवैध रूप से हिरासत में लेकर इस गलती को और बड़ा बना दिया है। क्या आपने उन्हें हिरासत में लेने का कोई आदेश दिया है? उन्होंने कहा, ‘‘यह जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है और इससे जो संदेश जा रहा है वह भी अच्छा नहीं है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं उन्हें अपने कृत्यों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सीएम अब्दुल्ला ने बिना नाम लिए एलजी पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि अगर आपको उनके (विधायक के) व्यवहार पर आपत्ति थी, तो इसे विधानसभा सचिवालय या अध्यक्ष के समक्ष उठाया जा सकता था। लेकिन पीएसए का इस्तेमाल गलत है। मलिक के पिता से मुलाकात के बारे में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं को मेरी सलाह है कि वे ऐसे वकील को नियुक्त करें जो पीएसए को समझता हो और ऐसे मामलों से जुड़ा रहा हो। यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश में कहीं भी लागू नहीं है। अगर वे बाहर से वकील लाते हैं, तो उसे कानून समझने में समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ वकीलों से बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे दावा करते हैं कि माहौल अच्छा है और लोग खुश हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वे मनमानी के अलावा कुछ नहीं करते। उन्होंने हमारे साथ भी ऐसा किया, उन्होंने मेहराज मलिक को गिरफ्तार करने के लिए गलत कानून का इस्तेमाल किया क्योंकि गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं है।
मेहराज मलिक को लेकर मचा बवाल
दरअसल, डोडा से आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिये जाने के बाद संजय सिंह अन्य पार्टी सदस्यों के साथ बुधवार को यहां पहुंचे। पुलिस ने बृहस्पतिवार को संजय सिंह समेत आप नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को सर्किट हाउस से बाहर जाने से रोककर मलिक को हिरासत में लेने के खिलाफ पार्टी के मार्च को विफल कर दिया।
फारूक अब्दुल्ला को संजय सिंह से नहीं मिलने दिया गया
बता दें कि गुरुवार को सर्किट हाउस में उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को आप सांसद संजय सिंह से मिलने से रोक दिया गया। दोनों नेताओं को एक बंद गेट से अलग करने वाली पुलिस कार्रवाई की अब्दुल्ला ने संवैधानिक मूल्यों पर “सीधा हमला” बताते हुए निंदा की। इस दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से संजय सिंह ने कहा कि अब्दुल्ला एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मैं एक सांसद हूं। क्या समस्या है? क्या अपराध है? क्या आप कह रहे हैं कि दो सांसद आपस में नमस्ते-सलाम भी नहीं कर सकते? वह यहां पत्थर फेंकने या बंदूक चलाने नहीं आए हैं। वह बस संविधान के दायरे में बोलना चाहते हैं। हालांकि, पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और दोनों नेताओं को एक बंद गेट के पार एक-दूसरे से बात करने के लिए छोड़ दिया।
साभार : इंडिया टीवी
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
Matribhumisamachar


