नई दिल्ली. संसद के दोनों सदनों में आज (13 फरवरी) वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट को पेश किया गया. राज्यसभा में सुबह 11 बजे और लोकसभा में दोपहर 2 बजे यह रिपोर्ट पेश की गई. दोनों ही सदनों में रिपोर्ट पेश होने के दौरान जमकर हंगामा मचा. विपक्षी सांसदों ने इस रिपोर्ट को एकतरफा बताया. राज्यसभा में तो विपक्ष ने इस मुद्दे पर वॉकआउट कर दिया लेकिन लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने एक लाइन बोलकर विपक्षी दलों को शांत करा लिया.
लोकसभा में जब वक्फ बिल पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने अपनी रिपोर्ट पेश की तो विपक्षी सांसद जमकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान अमित शाह अपनी बेंच से खड़े हुए और कहा, ‘विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है कि इनकी बात को वक्फ बोर्ड बिल में पूरी तरह से नहीं रखा गया है. तो मैं अपनी पार्टी की तरफ से विनती करता हूं कि विपक्ष को अपने हिसाब से जो भी जोड़ना है जोड़ दीजिए. इसमें मेरी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी.’ अमित शाह के यह कहने पर विपक्ष का हंगामा शांत हुआ.
दरअसल, विपक्ष की आपत्ति यही थी कि उन्होंने इस रिपोर्ट पर जो डिसेंट नोट जमा किए थे, उनमें से कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को हटा दिया गया था. यही कारण रहा कि जब राज्यसभा में सुबह यह बिल पेश हुआ तो विरोध इतना ज्यादा हुआ कि सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भी राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने इस मामले पर खूब हंगामा किया. आखिरी में सभी विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट भी कर दिया. लोकसभा में जेपीसी रिपोर्ट पेश होने पर भी जब इसी मुद्दे पर जोरदार हंगामा होने लगा तो अमित शाह को विपक्ष की यह मांग माननी पड़ी.
पिछले साल पेश हुआ था वक्फ संशोधन बिल
संसद में पिछले साल वक्फ संशोधन बिल को लाया गया था. विपक्ष की मांग के बाद इस पर जेपीसी बनाई गई थी. जेपीसी की बैठकों में भी विपक्षी सांसदों ने उनकी बात न सुने जाने की कई बार शिकायत की. ऐसे में अब जब जेपीसी की रिपोर्ट सदन में पेश की गई तो विपक्षी दलों ने इसे एकतरफा और मनमानी रिपोर्ट बताई और इसे फिर से जेपीसी के पास भेजने की अपील की.
साभार : एबीपी न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं