शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 08:54:57 PM
Breaking News
Home / राज्य / पंजाब / पंजाब सरकार ने किसानों से जुड़ी लैंड पूलिंग पॉलिसी को लिया वापस

पंजाब सरकार ने किसानों से जुड़ी लैंड पूलिंग पॉलिसी को लिया वापस

Follow us on:

चंडीगढ़. किसानों के भारी विरोध के बाद आखिरकार पंजाब सरकार ने अपनी लैंड पूलिंग नीति 2025 वापस ले ली है. बीते कई दिनों से विरोध पर उतरे किसानों ने इस नीति के रद्द होने के बाद खुशी जताई. चलिए जानते हैं कि क्या है ये नीति जिसे हाल ही में किसानों के विरोध के बाद वापस ले लिया गया. आखिर इस नीति से किसानों को क्या नुकसान हो रहा था.

क्या थी पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग नीति

पंजाब सरकार ने मई 2025 में लैंड पूलिंग नीति की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य शहरी इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाओं को बढ़ावा देना था. इस नीति के तहत, किसानों से उनकी जमीन स्वेच्छा से लेकर उसे विकसित किया जाना था. बदले में किसानों को उनकी जमीन के अनुपात में रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट दिए जाने थे. सरकार का दावा था कि यह नीति किसानों को शहरी विकास में भागीदार बनाएगी और उनकी जमीन की कीमत बढ़ाएगी. लेकिन, इस नीति का भारी विरोध हुआ खासकर छोटे किसानों ने इसे किसान-विरोधी करार दिया.

क्यों विरोध पर उतरे किसान?

कम मुआवजे का डर

कई किसान सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर आश्वस्त नहीं थे. कई किसान इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि सरकार द्वारा मिलने वाला मुआवजा या प्लॉट उनकी जमीन के बराबर होगा भी या नहीं.

जमीन छिनने का डर

किसानों को लगता था कि यह नीति जमीन हड़पने की साजिश है. उनके मन में शंका थी कि प्लॉट वापस मिलने पर भी उनकी खेती योग्य भूमि कम हो जाएगी.

अतीत का अनुभव

पहले भी कई परियोजनाओं में किसानों को समय पर मुआवजा और सुविधाएं नहीं मिलीं जिससे किसानों का सरकार के प्रति अविश्वास पैदा हुआ.

छोटे किसानों को नुकसान

किसानों का कहना था कि ये नीति बड़े जमींदारों और बिल्डरों को लाभ देने वाली नीति है, जबकि छोटे किसानों को कम मुआवजा और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा था.

इस नीति के खिलाफ किसानों में था रोष

बता दें कि पंजाब के कई जिलों में जगह-जगह किसानों ने सड़कों पर उतरकर इस नीति का जमकर विरोध किया. विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने भी इसे ‘किसान-विरोधी’ करार दिया. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस नीति पर सवाल उठाए और सरकार को फटकार लगाते हुए 9 अगस्त 2025 को नीति पर रोक लगा दी और आखिरकार 11 अगस्त 2025 को पंजाब सरकार ने इसे पूरी तरह वापस ले लिया.

साभार : एबीपी न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

पंजाब पुलिस ने आईएसआई समर्थित ग्रेनेड अटैक मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 10 ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया

चंडीगढ़. पंजाब पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने आईएसआई-पाकिस्तान …