लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के डालीबाग में मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास और उमर अंसारी की जमीन पर बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण पर रोक लगा दी है। अब्बास अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पीएम आवास योजना के तहत गरीबों के लिए घर बनाने की यूपी सरकार की योजना पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की डबल बेंच ने यथास्थिति बनाए रखने और इलाहाबाद हाईकोर्ट को याचिका का जल्द निपटारा करने का आदेश दिया।
हजरतगंज के डालीबाग इलाके में स्थित प्लॉट नंबर 93 की कुल 5 बीघा 5 बिस्वा जमीन में से करीब 10 बिस्वा जमीन मुख्तार अंसारी के पिता सुभानउल्लाह अंसारी ने 20 साल पहले मोहम्मद शाहिद से खरीदी थी। सुभानउल्लाह अंसारी की मौत के बाद जमीन उनकी पत्नी राबिया बेगम के नाम कर दी गई और राबिया बेगम ने यह 10 बिस्वा जमीन सबसे छोटे बेटे मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के नाम कर दी। वर्ष 2020 में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इस जमीन पर बने दो टावरों को अवैध करार देते हुए ध्वस्त कर दिया था। इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। प्रयागराज में अतीक अहमद के कब्जे वाली जमीन पर गरीबों के लिए पीएम आवास बनाने के बाद यूपी सरकार मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम की जमीन पर पीएम आवास योजना के तहत लखनऊ में भी गरीबों के लिए आवास बना रही है।
अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
जमीन के मालिकाना हक और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने को लेकर अब्बास अंसारी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित सुनवाई का आदेश दिया। उसके बाद भी जब याचिका का निस्तारण नहीं हुआ तो अब्बास अंसारी की ओर से दोबारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई हुई और इलाहाबाद हाईकोर्ट से यथास्थिति बनाए रखने और अब्बास अंसारी की याचिका पर जल्द सुनवाई पूरी करने को कहा गया।
साभार : इंडिया न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं