शनिवार, दिसंबर 13 2025 | 01:51:40 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / चीन ने अपने बंदरगाहों पर आने वाले सभी प्रकार के अमेरिकी जहाजों पर लगाई पोर्ट फीस

चीन ने अपने बंदरगाहों पर आने वाले सभी प्रकार के अमेरिकी जहाजों पर लगाई पोर्ट फीस

Follow us on:

बीजिंग. अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर अब समंदर तक पहुंच गई है. ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया था. इसके बाद अब मंगलवार से चीन ने आधिकारिक रूप से अमेरिकी स्वामित्व वाले, संचालित, निर्मित या अमेरिकी झंडे वाले जहाजों पर विशेष पोर्ट फीस लगाना शुरू कर दिया है. चीन के सरकारी चैनल CCTV ने बताया कि यह फीस उन जहाजों पर लागू होगी जो चीन के बंदरगाहों पर माल लेकर आते हैं, लेकिन चीन में बने जहाजों को इन फीसों से छूट दी जाएगी. इसके अलावा, मरम्मत के लिए खाली आने वाले जहाजों और कुछ विशेष श्रेणी के जहाजों को भी भुगतान से छूट मिलेगी.

चीन के परिवहन मंत्रालय ने यह कदम पिछले हफ्ते अमेरिका की ओर से लगाए गए पोर्ट फीसों के जवाब में उठाया है. अमेरिकी फीसों का उद्देश्य चीन के समुद्री, लॉजिस्टिक्स और शिपबिल्डिंग सेक्टर पर उसकी पकड़ को कमजोर करना बताया गया था. बाद में चीन ने अपने रेयर अर्थ मिनरल की सप्लाई पर भी कंट्रोल किया था, जिसके बाद में ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया था.

क्या हैं नियम?

इसमें साफ कहा गया है कि अगर कोई अमेरिकी जहाज चीन के बंदरगाह पर आता है, तो उस पर एक बार (यानी पहली बार जब वो जहाज चीन में रुकेगा) यह ‘स्पेशल पोर्ट फीस’ वसूली जाएगी. अगर वही जहाज साल में कई बार चीन आता-जाता है, तो साल की पहली पांच यात्राओं तक उसे यह फीस देनी होगी. इसके बाद 17 अप्रैल से हर साल का नया बिलिंग चक्र शुरू होगा, यानी फिर से गिनती नए सिरे से शुरू होगी. अगर कोई जहाज यह फीस नहीं चुकाता, तो उसकी आयात-निर्यात प्रक्रियाएं रोक दी जाएंगी.
ट्रंप प्रशासन ने पहले ही इस साल की शुरुआत में चीन से जुड़े जहाजों पर पोर्ट फीस लगाने की घोषणा की थी, ताकि अमेरिका अपने शिपबिल्डिंग उद्योग को मजबूत कर सके. एक अमेरिकी जांच रिपोर्ट में चीन पर आरोप लगाया गया था कि वह वैश्विक समुद्री उद्योग पर अनुचित नीतियों से प्रभुत्व जमाने की कोशिश कर रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि इस नए टैरिफ वार में चीन की सरकारी शिपिंग कंपनी COSCO को सबसे बड़ा झटका लगेगा, जिसे 2026 तक लगभग 3.2 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ग्रीस की कंपनी एक्सक्लूजिव शिपब्रोकर्स ने अपने विश्लेषण में कहा, ‘अमेरिका और चीन का यह जैसे को तैसा टैक्सेशन ग्लोबल फ्रेट रूट्स को बिगाड़ सकता है. समुद्री व्यापार अब राजनीति का सीधा हथियार बन चुका है.’
साभार : न्यूज18

 

‘गांधी जी की राजनीतिक यात्रा के कुछ पन्ने’ पुस्तक के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें :

https://matribhumisamachar.com/2025/12/10/86283/

आप इस ई-बुक को पढ़ने के लिए निम्न लिंक पर भी कॉल कर सकते हैं:

https://books.google.co.in/books?id=8-6KEQAAQBAJ

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

जर्मनी ने रूस पर साइबर हमले और चुनाव में हस्तक्षेप करने का बड़ा आरोप लगाया

बर्लिन. जर्मनी ने रूस पर साइबर हमलों और फरवरी में हुए संसदीय चुनावों को प्रभावित …