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किश्तवाड़ में बादल फटने के कारण 2 सीआईएसएफ जवानों सहित 46 की मौत, 80 से अधिक घायल

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जम्मू. देशभर में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहले हिमाचल के शिमला में बादल फटा और अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने (Kishtwar Cloudburst) से बड़ी तबाही हुई है. इस आपदा में 46 लोगों की मौत हो गई. सभी के शव बरामद कर लिए गए है. बादल फटने की यह घटना जिस जगह पर हुई, वहां लंगर चल रहा था. बादल फटते ही वहां पर पानी तेजी के साथ आया, जिसकी चपेट में वहां मौजूद लोग आ गए. इस हादसे में 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद वहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.

किश्तवाड़ के चशोती में गुरुवार को बादल फटने से घटना से CISF के 2 जवानों समेत कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य के अब भी फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि चशोती गांव में सूर्यास्त होने तक बचावकर्मियों ने कड़ी मेहनत से मलबे के ढेर से 167 लोगों को बाहर निकाला. उन्होंने बताया कि इनमें से 38 की हालत गंभीर है. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और आशंका है कि यह और बढ़ सकती है. अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई. हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे.

मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. पहले इस हादसे में 10 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी. फिर यह आंकड़ा बढ़कर 12 हुई, फिर 20 और अब 23 लोगों की मौत की बात सामने आई है. अब मृतकों का आंकड़ा 32 पहुंच गया है. रात तक यह आंकड़ा बढ़कर 46 हो गया है. घायलों में कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. ऐसे में मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.

गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से बात की

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. अधिकारियों ने बताया कि सुदूरवर्ती चशोती गांव में बादल फटने से कम से कम दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई तथा व्यापक क्षति हुई. शाह ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य चला रहा है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. शाह ने ‘एक्स’ पर कहा कि किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है. एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं.” गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी नज़र रख रही है. हर परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है.

मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए जुटे थे लोग

बादल चशोती में फटा जो मंदिर के मार्ग पर स्थित ऐसा अंतिम गांव है, जहां किसी वाहन से पहुंचा जा सकता है. चशोती में दोपहर 12 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच उस समय बादल फटा जब बड़ी संख्या में लोग मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए एकत्र हुए थे. चशोती से मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है.

प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष और सहायता डेस्क स्थापित किया

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किश्तवाड़ के एक गांव में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के बाद लोगों और तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए गुरुवार को एक नियंत्रण कक्ष एवं सहायता डेस्क स्थापित किया. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 23 लोग मारे गए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. पद्दार में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो चशोती गांव से लगभग 15 किलोमीटर दूर है, जहां यह आपदा आई.

कंट्रोल रूम बना, हेल्पलाइन नंबर भी जारी

नियंत्रण कक्ष के लिए पांच अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. लोग 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381, और 7006463710 पर संपर्क कर सकते हैं. इनके अलावा, जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 01995-259555 और 9484217492 हैं, तथा किश्तवाड़ के पुलिस नियंत्रण कक्ष का नंबर 9906154100 है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने वहां सभी बचाव दल पहुंच गए हैं. वे वहां काम कर रहे हैं और जो भी सहयोग और सहायता जरूरी है, वह सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. हम सभी एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं अगर किसी मरीज़ को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़े तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी हेलीकॉप्टर के लिए मौसम अनुकूल नहीं हैं.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना पर चिंता जताई है. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. साथ ही सिविल, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF अधिकारियों को बचाव और राहत अभियान को और तेज़ करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. अचानक बादल फटने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मौजूदा हालात को लेकर  स्थानीय डीसी से बात की है. बादल फटने वाली जगह पर एक लंगर चले की वजह से वहां बड़ी संख्या में लोग जमा थे. बाढ़ जैसे हालात पैदा होने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई. हालांकि ये अब तक पता नहीं चल सका है कि लोगों की मौत लैंडस्लाइड में दबने की वजह से हुई है या फिर पानी में बहने की वजह से हुई है. केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में पूरी जानकारी स्थानीय डीसी से ली है. आपदा की तस्वीरें डरा देने वाली हैं.

साभार : एनडीटीवी

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