शनिवार, मई 17 2025 | 01:47:20 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस बीआर गवई होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश

Follow us on:

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस गवई के नाम की सिफारिश कानून मंत्रालय को भेज दी है. कानून मंत्रालय ने परंपरा के अनुसार, मौजूदा सीजेआई से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी थी, जिसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने जस्टिस गवई का नाम आगे बढ़ाया.

13 मई का समाप्त हो रहा है संजीव खन्ना का कार्यकाल?

जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो रहा है. उनके बाद वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस बी.आर. गवई अगले सीजेआई के रूप में पदभार संभालेंगे. जस्टिस गवई देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.

कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई?

जस्टिस गवई की नियुक्ति कई मायनों में खास है, क्योंकि वह देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं. 24 नवंबर 1960 को अमरावती में जन्मे माननीय न्यायमूर्ति ने 16 मार्च 1985 को वकालत शुरू की. उन्होंने शुरुआती वर्षों में दिवंगत बार. राजा एस. भोसले (पूर्व महाधिवक्ता एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश) के साथ 1987 तक कार्य किया. इसके बाद 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की.

1990 के बाद मुख्य रूप से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में प्रैक्टिस की, जिसमें संवैधानिक और प्रशासनिक कानून विशेष क्षेत्र रहे. वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थायी वकील रहे. इसके अलावा, उन्होंने सीकोम, डीसीवीएल जैसी विभिन्न स्वायत्त संस्थाओं एवं निगमों तथा विदर्भ क्षेत्र की कई नगर परिषदों के लिए नियमित रूप से पैरवी की.

उन्हें अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाई कोर्ट, नागपुर खंडपीठ में सहायक सरकारी अभिभाषक और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया. 17 जनवरी 2000 को उन्हें नागपुर खंडपीठ के लिए सरकारी अभिभाषक और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया. 14 नवंबर 2003 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और 12 नवंबर 2005 को स्थायी न्यायाधीश बने. उन्होंने मुंबई मुख्य पीठ सहित नागपुर, औरंगाबाद तथा पणजी की पीठों पर विभिन्न प्रकार के मामलों की अध्यक्षता की. 24 मई 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.

साभार : जी न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से विधेयकों से जुड़े निर्णय पर मांगी राय

नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधेयकों पर मंजूरी के बारे में समय सीमा तय …