नई दिल्ली. NIA द्वारा I20 कार मालिक आमिर राशिद की गिरफ्तारी, दिल्ली धमाके की साज़िश की तह तक जाने की कोशिशों में एक बड़ी सफलता है. फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में डॉक्टरों, जिनमें डॉक्टर शाहीन और विस्फोट को अंजाम देने वाला डॉक्टर उमर नबी शामिल हैं, की संलिप्तता सामने आने के बाद यह गिरफ्तारी हुई है. NIA को संदेह है कि आमिर राशिद ने ही उमर नबी के साथ मिलकर पूरी साज़िश रची. देश की राजधानी में धर-पकड़ का सिलसिला लगातार जारी है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. इन तमाम जांचों के बीच, आमलोगों को राहत देने वाली खबर यह है कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के सभी गेट अब आमलोगों के लिए खोल दिए गए हैं.
आमिर राशिद की गिरफ्तारी और उमर नबी के साथ उनकी साज़िश के खुलासे के बीच, घटनास्थल से मिले सबूतों ने इस मॉड्यूल की गंभीरता को बढ़ा दिया है. जाँच के दौरान विस्फोट स्थल पर 9 मिमी कैलिबर के तीन कारतूस पाए गए, जिनमें दो जिंदा कारतूस और एक खाली खोखा है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, ये कारतूस आम नागरिकों के लिए प्रतिबंधित हैं और आमतौर पर केवल सुरक्षा बलों या विशेष परमिशन वाले लोगों के पास होते हैं. मौके से कोई पिस्तौल या उसका कोई पार्ट नहीं मिला, लेकिन इन बरामदगी से यह स्पष्ट होता है कि I20 कार मॉड्यूल का संबंध सुनियोजित और बड़े आतंकी नेटवर्क से था.
पुलिस के सामने नई चुनौती
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कारतूस मिलने के बाद मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ के कारतूस चेक कराए गए, लेकिन उनका कोई कारतूस मिसिंग नहीं था, जिससे इस संभावना को खारिज कर दिया गया कि ये कारतूस ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के थे. इस स्थिति में पुलिस के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार ये कारतूस यहां कैसे आए. इससे पहले, हरियाणा के नूंह से नए विवरण सामने आए, जहां विस्फोट में मारे गए आतंकी उमर मुहम्मद को विस्फोट से पहले कई घंटों तक घूमते देखा गया. जांच एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी उमर ने अल फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत एक इलेक्ट्रीशियन शोएब की मदद से 10 दिनों के लिए एक कमरा किराए पर लिया था.
साभार : न्यूज18
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