शनिवार, मार्च 29 2025 | 02:50:55 PM
Breaking News
Home / विविध / भारतीय इतिहास में 17 फरवरी

भारतीय इतिहास में 17 फरवरी

Follow us on:

भारतीय इतिहास में 17 फरवरी को जन्म दिन/ जयंती :

बुद्धू भगत को भारतीय इतिहास में एक प्रसिद्ध क्रांतिकारी के रूप में जाना जाता है। उनकी लड़ाई अंग्रेजों, जमींदारों और साहूकारों द्वारा किए जा रहे अत्याचार और अन्याय के खिलाफ थी। उनका जन्म 17 फरवरी 1792 को झारखंड के रांची में हुआ था।

सरदार पूरन सिंह, भारत के प्रतिष्ठित निबंधकारों में से एक थे। वे एक देशभक्त, शिक्षाविद, शिक्षक, वैज्ञानिक और लेखक भी थे। इसके साथ ही वे पंजाबी के जाने-माने कवि भी थे। पूर्ण सिंह को आधुनिक पंजाबी कविता के संस्थापकों में गिना जाता है। उनका जन्म 17 फरवरी 1881 को हुआ था।

जीबनानंद दास, एक प्रसिद्ध बंगाली कवि और लेखक थे। वे ऐसे बंगाली कवि थे जिन्होंने कविता में कथात्मक शैली की वास्तुकला प्रस्तुत की। उनके उपन्यास और कहानियाँ बंगाली क्षेत्र के लोगों के बीच एक विशेष स्थान रखते हैं। उन्हें मरणोपरांत 1955 में सर्वश्रेष्ठ कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जीवानंद दास जी की कविताओं ने रवींद्रनाथ के बाद बंगाली समाज की कई पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध किया। उनका जन्म 17 फरवरी 1899 को बंगाल में हुआ था।

कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव, नवगठित राज्य तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री। वे ‘तेलंगाना राष्ट्र समिति’ के प्रमुख हैं। उन्हें अलग तेलंगाना राष्ट्र आंदोलन के एक प्रमुख कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। चंद्रशेखर जी 15वीं लोकसभा के सदस्य हैं। वे केंद्र में श्रम और योजना मंत्री के पद को भी सुशोभित कर चुके हैं। उनका जन्म 17 फरवरी 1954 को आंध्र प्रदेश के मेडक जिले में हुआ था।

भारतीय इतिहास में 17 फरवरी को पुण्यतिथि :

वासुदेव बलवंत फड़के, ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आयोजन करने वाले भारत के पहले क्रांतिकारी थे। वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के ‘शिरढोण’ नामक गाँव में हुआ था। फड़के ने 1857 की पहली संगठित क्रांति की विफलता के बाद महान स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी जलाई थी। 17 फरवरी 1883 को उनकी मृत्यु हो गई।

पेरिन बेन, पहले एक क्रांतिकारी और बाद में महात्मा गांधी की अनुयायी थीं। उन्होंने देश की आजादी के लिए काम किया। 1930 में पेरिन बेन को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। वह मुंबई प्रदेश कांग्रेस की संघर्ष समिति की पहली महिला अध्यक्ष थीं। पेरिन बेन ने ‘गांधी सेवा सेना’ के सचिव के रूप में काम किया। स्वतंत्रता के शुरुआती वर्षों में पेरिन बेन को राष्ट्रपति द्वारा ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया था। 17 फरवरी 1958 को उनका निधन हो गया।

कैलाश नाथ काटजू, मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री थे। वे जनवरी 1957 से मार्च 1962 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने कई किताबें भी लिखीं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी विशेष योगदान दिया। 17 फरवरी 1968 को उनका निधन हो गया।

कर्पूरी ठाकुर, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे। उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें जन नायक कहा जाता था। 17 फरवरी 1988 को उनका निधन हो गया।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि)

कांग्रेस स्थापना और उसके प्रारंभिक कुछ वर्ष …जब 1857 का स्वतंत्रता संग्राम हुआ तो 17 …

News Hub