इस्लामाबाद. पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में आतंकवाद की समस्या बढ़ी है. लेकिन यह भी सच है कि आतंकवाद के नाम पर पाकिस्तानी सेना खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में अपने ही नागरिकों पर जुल्म कर रही है. इस मुद्दे को लेकर खैबर पख्तूनख्वा के राजनीतिक कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान अफरीदी ने संयुक्त राष्ट्र परिषद में आवाज उठाया.
राजनीतिक कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान अफरीदी ने खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी फौज द्वारा जारी मानवाधिकार उल्लंघन और पाकिस्तान के तीन हिस्सों और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. फजल-उर-रहमान ने संयुक्त राष्ट्र परिषद में कहा कि वह आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में खैबर पख्तूनख्वा में जारी सैन्य कार्रवाई के बारे में दुनिया को बताने आए हैं. उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए कहा कि पाकिस्तानी फौज आतंकवाद विरोधी अभियान के नाम पर निर्दोष पश्तून नागरिकों पर बमबारी कर रही है.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परिषद में कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया को पता चले कि ये खैबर पख्तूनख्वा में सैन्य अभियान तो एक दिखावा है. सच्चाई तो यह है कि जो दिन में TTP होते हैं, वही रात में तालिबान बन जाते हैं. राजनीतिक कार्यकर्ता फजल-उर-रहमान ने सुरक्षा व्यवस्था के अलावा खैबर पख्तूनख्वा के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार खैबर पख्तूनख्वा के लोगों से सहमति लिए बगैर दूसरे देशों के साथ मिलकर इस प्रांत में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है.
फजल-उर-रहमान ने इस क्षेत्र से तेल, गैस, बिजली, क्रोमाइट और दुर्लभ खनिजों का दोहन करके उसे बेचने की निंदा की. खास तौर पर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हुए उस सौदा की निंदा की, जिसके तहत अमेरिका पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से दुर्लभ खनिजों को निकालेगा.
साभार : जी न्यूज
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