नई दिल्ली. भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया है. ऐसा तमाम रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है. हालांकि ये दावे सिर्फ और सिर्फ अनुमान है, जिसके सही होने की उतनी ही संभावना है उतनी ही गलत होने की. क्योंकि भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से इस प्रकार की घोषणा नहीं की गई है. इसकी वजह है कि भारत में 2011 के बाद जनगणना नहीं कराई गई है. भारत में हर 10 साल में जनगणना होती है, लेकिन 2019 में जनगणना जब शुरू होने वाली थी तभी कोविड आ गया. इसके बाद सरकार ने जनगणना का प्रोसेस रोक दिया. हालांकि अब सरकार ने जनगणना का ऐलान कर दिया है. जो 2026 में शुरू होगी. इस बार की जनगणना पहले की जनगणनाओं से काफी अलग है. क्योंकि इस बार की जनगणना में जाति गणना भी होगी.
महालेखा परीक्षक ने प्री टेस्ट की घोषणा की
जनगणना शुरू होने से पहले से भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल ने गुरुवार को प्री-टेस्ट की घोषणा की है. यह टेस्ट हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस पर केंद्रित होगा. यह देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 से 30 नवंबर तक चलेगा. इस प्री टेस्ट का कमसद डेटा कलेक्ट करने के तरीकों, लॉजिस्टिस, ट्रेनिंग और डिजिटल टूल्स की जांच होगी. इसके अलावा जनगणना करने में पेश आने वाली चुनौतियों का आगलन किया जाएगा. इसके बाद उसको टैकल करने की योजना बनाई जाएगी.
भारत में पहली बार जातिगत जनगणना
दरअसल देश में विपक्ष की भूमिका निभा रहे राजनीतिक दल जाति जनगणना की मांग कर रहे थे. इसके बाद भारत सरकार ने 16 जून को जनगणना का नॉटिफिकेशन जारी किया. जनगणना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि जाति गणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी.देश में पहली बार जाति जनगणना की जा रही है. इससे पहले सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की गणना होती थी. इस बार की जनगणना में सभी जातियों को गिना जाएगा. नॉटिफिकेशन के मुताबकि जाति जनगणना 1 अक्टूबर 2026 में शुरु होगी. एक अनुमान के मुताबिक जनगणना की फाइनल रिपोर्ट 2029 के शुरुआती महीनों में आ सकती है. हालांकि जनगणना कब पूरी होगी. इसकी को तिथि तय नहीं है.
साभार : जी न्यूज
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