हैदराबाद. तेलंगाना सरकार की ओर से रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को कार्यालय एक घंटा पहले छोड़ने की अनुमति दी गई है. जिसको लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने इसकी तीखी आलोचना की और रेवंत रेड्डी सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए सवाल किया, “यदि यह तुष्टिकरण नहीं है, तो क्या है?”
सभी धर्मों के लिए समान नियम की मांग
पार्टी प्रवक्ता एन.वी. सुभाष ने कहा कि सरकार को सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया, “हिंदू, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग भी उपवास रखते हैं; सरकार उन्हें ऐसी रियायतें क्यों नहीं देती?”
धर्मनिरपेक्षता पर दोहरे मापदंड का आरोप
भाजपा ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि वही सरकार दिवाली पर पटाखों पर सख्त प्रतिबंध लगाती है और गणेश चतुर्थी व काली पूजा पंडालों पर कड़े नियम थोपती है.
वोट बैंक की राजनीति का आरोप
एन.वी. सुभाष ने कांग्रेस सरकार की नीतियों को विभाजनकारी बताते हुए कहा, “यह तेलंगाना कांग्रेस सरकार की वोट बैंक की राजनीति है.” उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ऐसी भेदभावपूर्ण नीतियों का विरोध जारी रखेगी.
रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को दी विशेष छूट
तेलंगाना सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को एक घंटा पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति दी है. यह छूट 2 मार्च से 31 मार्च तक लागू होगी, जिससे कर्मचारी रोजा खोलने और नमाज अदा करने के लिए समय निकाल सकें.
किन कर्मचारियों को मिलेगी यह सुविधा?
सरकारी कर्मचारी
शिक्षक
संविदा कर्मचारी
आउटसोर्सिंग कर्मचारी
बोर्ड और निगम कर्मी
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी
हालांकि, आपातकालीन सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को इस छूट का लाभ स्थिति के अनुसार मिलेगा.
सरकारी आदेश में क्या कहा गया?
सरकार के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, संविदा, आउटसोर्सिंग, बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों को 2 मार्च से 31 मार्च तक शाम 4 बजे कार्यालय या स्कूल छोड़ने की अनुमति दी गई है, ताकि वे आवश्यक नमाज अदा कर सकें. हालांकि, आपातकालीन सेवाओं में उनकी उपस्थिति आवश्यक हो सकती है.”
साभार : एबीपी न्यूज
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