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भारतीय रेलवे ने ब्रॉड गेज नेटवर्क के 99% से अधिक विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया

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रेलवे के नेटवर्क के विद्युतीकरण का कार्य मिशन मोड में शुरू किया गया है। अब तक, ब्रॉड गेज (बीजी) नेटवर्क का लगभग 99.2 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। शेष नेटवर्क के विद्युतीकरण का कार्य जारी है। वर्ष 2014-25 के दौरान और 2014 से पहले किए गए विद्युतीकरण का विवरण इस प्रकार है:

अवधि मार्ग किलोमीटर
2014 से पहले (लगभग 60 वर्ष) 21,801
2014-25 46,900

रेलवे की विद्युतीकरण में उपलब्धियां वैश्विक स्तर पर उल्लेखनीय हैं। जून 2025 की इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार रेल विद्युतीकरण की स्थिति इस प्रकार है:

देश रेलवे विद्युतीकरण
ब्रिटेन 39 प्रतिशत
फ्रांस 60 प्रतिशत
स्पेन 67 प्रतिशत
रूस 52 प्रतिशत
जापान 64 प्रतिशत
चीन 82 प्रतिशत
स्विट्ज़रलैंड 100 प्रतिशत

वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान रेलवे का क्रमशः 7,188 और 2,701 रूट किलोमीटर (आरकेएम) विद्युतीकरण किया गया है। इसके अलावा, सभी नई लाइन/मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं का निर्माण विद्युतीकरण की स्वीकृति के साथ किया जा रहा है।

क्षेत्रवार विद्युतीकरण की स्थिति निम्नानुसार है:

क्र.सं. क्षेत्र   विद्युतीकृत (प्रतिशत में)
1 सेंट्रल रेलवे 100 प्रतिशत
2 ईस्ट कोस्ट रेलवे 100 प्रतिशत
3 ईस्ट सेंट्रल रेलवे 100 प्रतिशत
4 पूर्वी रेलवे 100 प्रतिशत
5 कोंकण रेलवे 100 प्रतिशत
6 कोलकाता मेट्रो 100 प्रतिशत
7 उत्तर मध्य रेलवे 100 प्रतिशत
8 उत्तर पूर्वी रेलवे 100 प्रतिशत
9 उत्तरी रेलवे 100 प्रतिशत
10 दक्षिण मध्य रेलवे 100 प्रतिशत
11 दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 100 प्रतिशत
12 दक्षिण पूर्वी रेलवे 100 प्रतिशत
13 पश्चिम मध्य रेलवे 100 प्रतिशत
14 पश्चिमी रेलवे 100 प्रतिशत
15 उत्तर पश्चिमी रेलवे 98 प्रतिशत
16 दक्षिणी रेलवे 98 प्रतिशत
17 पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 95 प्रतिशत
18 दक्षिण पश्चिमी रेलवे 95 प्रतिशत

बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विद्युतीकरण की स्थिति निम्नलिखित है:

क्र.सं. राज्य विद्युतीकृत (प्रतिशत में)   क्र.सं. राज्य विद्युतीकृत (प्रतिशत में)
1 आंध्र प्रदेश 100 प्रतिशत   16 मिजोरम 100 प्रतिशत
2 अरुणाचल प्रदेश 100 प्रतिशत   17 नागालैंड 100 प्रतिशत
3 बिहार 100 प्रतिशत   18 ओडिशा 100प्रतिशत
4 चंडीगढ़ 100 प्रतिशत   19 पुदुचेरी 100 प्रतिशत
5 छत्तीसगढ 100 प्रतिशत   20 पंजाब 100 प्रतिशत
6 दिल्ली 100 प्रतिशत   21 तेलंगाना 100 प्रतिशत
7 गुजरात 100 प्रतिशत   22 त्रिपुरा 100 प्रतिशत
8 हरयाणा 100 प्रतिशत   23 उत्‍तर प्रदेश 100 प्रतिशत
9 हिमाचल प्रदेश 100 प्रतिशत   24 उत्तराखंड 100 प्रतिशत
10 जम्मू और कश्मीर 100 प्रतिशत   25 पश्चिम बंगाल 100 प्रतिशत
11 झारखंड 100 प्रतिशत   26 राजस्थान 99 प्रतिशत
12 केरल 100 प्रतिशत   27 तमिलनाडु 97 प्रतिशत
13 मध्य प्रदेश 100प्रतिशत   28 कर्नाटक 96प्रतिशत
14 महाराष्ट्र 100 प्रतिशत   29 असम 92 प्रतिशत
15 मेघालय 100 प्रतिशत   30 गोवा 91 प्रतिशत

पूर्वोत्तर क्षेत्र के अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में मौजूदा बीजी नेटवर्क का शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। इसके अलावा, सभी नई लाइन/मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं का निर्माण विद्युतीकरण की स्‍वीकृति के साथ किया जा रहा है। असम में 92 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है और शेष नेटवर्क में विद्युतीकरण का कार्य शुरू हो चुका है।

रेलवे के विद्युतीकरण की नवीनतम जानकारी भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है:

https://indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/ele_engg/2025/Statusप्रतिशत 20ofप्रतिशत 20Railwayप्रतिशत C2प्रतिशत A0Electrificationप्रतिशत 20asप्रतिशत 20onप्रतिशत C2प्रतिशत A030_11_2025.pdf

विद्युतीकरण परियोजनाओं का पूरा होना वन विभाग के अधिकारियों से वन संबंधी मंजूरी, अतिक्रमण को हटाना, विभिन्न अधिकारियों से वैधानिक मंजूरी, क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियां, परियोजना क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति और जलवायु परिस्थितियों के कारण किसी विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य करने वाले महीनों की संख्या जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।

सड़क परिवहन की तुलना में रेल परिवहन से कार्बन उत्सर्जन में कमी निम्न प्रकार से होती है (संदर्भ: नीति आयोग की जून 2021 की रिपोर्ट “भारत में माल ढुलाई को तेजी से सुगम बनाना”,) ।

परिवहन का साधन 1 टन माल के 1 किलोमीटर परिवहन में कार्बन उत्सर्जन
सड़क 101 ग्राम
रेल 11.5 ग्राम (लगभग 89 प्रतिशत कम)

रेलवे लगभग पूर्ण विद्युतीकरण के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के माध्यम से सतत संचालन के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें रणनीतिक बिजली खरीद योजना के आधार पर सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय स्रोतों का संयोजन शामिल है। इन सभी पहलों से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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